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चमोली एसटीपी हादसे की रिपोर्ट डीएम को सौंपी
नमामि गंगे परियोजना के तहत चमोली सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में हुए भीषण करंट हादसे में मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट शुक्रवार को जांच अधिकारी एडीएम डॉ अभिषेक त्रिपाठी ने जिलाधिकारी हिमांशू खुराना को सौंप दी है। इसके बाद इस मजिस्ट्रियल जांच को शासन को भेजा जाएगा । 19 जुलाई को चमोली एसटीपी करंट हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिए थे। उनके आदेश पर डीएम चमोली ने एडीएम डॉ अभिशेक त्रिपाठी को इस प्रकरण का जांच अधिकारी नियुक्त किया । जांच अधिकारी अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर 1937 पन्नों की रिपोर्ट डीएम को सौंप दी गई है। जांच में 39 लोगों के बयान लिए गए हैं। जांच रिपोर्ट में एसटीपी के संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज और अन्य जरूरी साक्ष्य भी लगाए गए हैं।
बता दे चमोली एसटीपी करंट हादसे में 27 लोग हताहत हो गए थे जिसमें 16 लोगों की मौत हो गई थी और 11 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में 4 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
दुर्घटना का विश्लेषण, संभावित कारण एवं निष्कर्ष 1. एसटीपी प्लांट की विद्युतीय व्यवस्था किये गये अनुबन्ध एवं विद्युत सुरक्षा के मानकों के अनुरूप न होना-
चैंज ओवर पैनल में शार्ट सर्किट हुआ तथा कन्ट्रोल पैनल एवं मैन पैनल में तीव्र अर्थ फाल्ट हुआ । निर्धारित मार्ग में उचित अर्थिग न मिलने पर अर्थ कनैक्शन से जुड़े मैटेलिंक स्ट्रैक्चर, जिसमें कि प्लांट में प्रवेश हेतु निर्मित सीढियां, रैलिंग, इत्यादि में करंट फैल गया। इसी दौरान उपस्थित व्यक्ति, जो लोहे के स्ट्रेक्चर रेलिंग जाली इत्यादि के सम्पर्क में आये, उन्हें और उनकी मृत्यु हो गयी कई व्यक्ति घायल हो गये ।
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विद्युत सुरक्षा विभाग की आख्या के अनुसार मीटर के बाद MC Junction Box मय उचित क्षमता का MCCB लगा होना चाहिए था, जो कि नहीं था। इसके स्थान पर चैंज ओवर का प्रयोग किया जा रहा था।
STP परिसर पर अर्थिंग मानको के अनुरूप नहीं पाई गई। अर्थिंग के लिए वैल्यू मानकों से अधिक पाई गई। ऐसी स्थिति में शार्ट सर्किट होने पर पूर्ण रूप से करंट की अर्थिंग न होकर STP के लोहे के स्टेक्चर और लोहे की रेलिंग में प्रवाहित हुई ।
अनुबंधित फर्म के द्वारा किये गये कार्यों के अनुश्रवण / समीक्षा का अभाव ।
विद्युत विभाग एवं जल संस्थान के कार्मिको के मध्य आपसी सामंजस्य का अभाव ।
दुर्घटना की तीव्रता बढ़ने कारण – एस०टी०पी० प्लांट पर पहुँचने वाले रास्ते का संकरा होना ।संस्तुति
नमामि गंगे कार्यक्रम के अर्न्तगत Joint Venture Firm M/s Jai Bhushan Malik Contractors, Patiala (Lead Partner) एवं M/s Confident Engineering India Pvt. Ltd. (Ratna Kumar) Coimbatore के अनुबन्ध को निरस्त करने की संस्तुति की जाती है।
फर्मों को उत्तराखण्ड राज्य में ब्लैक लिस्ट किये जाने की संस्तुति की जाती है। साथ भास्कर महाजन की फर्म, एक्सिस पावर कंट्रोल्स, दिल्ली को भी उत्तराखण्ड राज्य में ब्लैक लिस्ट किये जाने की संस्तुति की जाती है। साथ ही उक्त तीनों फर्मों को सक्षम स्तर के माध्यम से पूरे भारतवर्ष में भी ब्लैक लिस्ट किए जाने की संस्तुति की जाती है।
अनुबंध की शेष अवधि में अनुबंध के अधीन समस्त सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों के आपरेशन और मेन्टिनेंस पर आने वाले खर्च, मरम्मत इत्यादि पर होने वाले कुल व्यय को उक्त ज्वाइंट वेंचर फर्म से भू राजस्व की भांति वसूल किए जाने की संस्तुति की जाती है।
Joint Venture Firm द्वारा उत्तराखण्ड पेयजल निगम को दी गई रू0 110.75 लाख की बैंक गारंटी (अथवा जो भी धनराशि अद्यतन रूप से ज्वाईट वेंचर फर्म की दोनों फर्मों द्वारा जमा की गई है), जिसकी वैधता दिनांक 31 जुलाई, 2023 है, को तत्काल प्रभाव से जब्त करने की संस्तुति की जाती है।
एसटीपी प्लांट पर दिनांक 19 जुलाई 2023 घटित भीषण दुर्घटना के संबंध में मुख्य जिम्मेदार संबंधित ज्वाइंट वेंचर फर्म के विरुद्ध विधि अनुकूल दंडात्मक कार्रवाई किए जाने की संस्तुति की जाती है। साथ ही भास्कर महाजन, डायरेक्टर, एक्सिस पावर कंट्रोल्स, दिल्ली के विरुद्ध भी विधि अनुकूल दंडात्मक कार्रवाई किए जाने की संस्तुति की जाती है।
संबधित विभागीय कार्मिकों / अधिकारियों जो ज्वाइट वेंचर फर्म के साथ अनुबन्ध की शर्तों का अनुपालन कराने में असफल रहे व नियमित निरीक्षण व अनुश्रवण करने में भी असफल रहे के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करने की संस्तुति की जाती है।
एसटीपी के ऑपरेशंस और मेंटेनेंस के लिए जल संस्थान गोपेश्वर को प्रस्तुत बिलों के संदिग्ध होने के क्रम में संबधित विभागीय कार्मिकों / अधिकारियों जिन्होनें उक्तबिलों का भुगतान किया है के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करने की संस्तुति की जाती है।
विद्युत विभाग एवं जल संस्थान के कार्मिकों के मध्य आपसी सामंजस्य के अभाव के कारण घटित भीषण दुर्घटना हेतु जिम्मेदार कार्मिकों के विरूद्ध विधि अनुकूल कार्यवाही करने की संस्तुति की जाती है ।
प्रदेश के समस्त सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व अन्य ऐसे प्रतिष्ठान जिसमें विद्युत सुरक्षा की चूक होने की संभावना हो का विद्युत सुरक्षा ऑडिट कराए जाने की संस्तुति की जाती है, जिससे भविष्य में दिनांक 19 जुलाई 2023 को चमोली एसटीपी प्लांट में घटित भीषण दुर्घटना की पुनरावृत्ति न हो ।
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