Saturday, July 27, 2024
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हर्रावाला सैनिक कॉलोनी में कलश यात्रा के साथ आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं की दिव्य वाणी से भागवत कथा का हुआ शुभारंभ – RAIBAR PAHAD KA


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https://www.youtube.com/live/k0mFgMIct70?si=BOrzDVZ1VK_LIwx6वीडियो यहां देखें

सैनिक कालोनी मे कलश यात्रा के साथ भागवत का शुभारंभ

हर्रावाला शिवमन्दिर से सिर पर कलश लिए सैकड़ो की संख्या में कलश लिए महिलायें ढोल दमाऊं और बैंढ की थाप के साथ मुख्य मार्ग होते हुए नकरोन्दा रोड सैनिक कालोनी के एक ग्राउण्ड में स्वर्गीय मायाराम मैठानी जी की पुण्य स्मृति में आयोजित श्रीमद्भागवत पाण्डाल में लडू गोपाल का स्नान कराया गया वहीं कथावाचन करते हुए ज्योतिष्पीठ ब्यास पदाल॔कृत आचार्य शिवप्रसाद ममगांई ने कहा किषसंसार का चिंतन करने से मन बिगड़ता है इसलिए भगवान का नाम जप अवश्य करें जिससे मन न बिगड़े एक बार मन बिगड़ने पर इसका सुधारना मुश्किल हैं आचार बिगड़ने से विचार बिगड़ते हैं विचार बिगड़ने से वाणी बिगड़ती है ऐसा कोई मनख़ुरा भाव न रखें जिसे वाणी में विकार आवे बनी को बिगाड़ना वाले का पुरुषार्थ बिगड़ता है उन्होंने कहा ने कहा की प्रभु में अनन्यता होने पर संसार कुछ कुचक्र से हम छूट सकते हैं भरी सभा में भारत की प्रमुख नई द्रोपती दुशासन के द्वारा अपमानित की जा रही थी उसने सोचा कि मेरे पांच पति ही मेरी रक्षा करेंगे परंतु जुआ में हारने के कारण यह पांचो सर नीचा करके बैठ गए तो द्रोपती के हृदय से पतियों का बल निकल गयाद्रोपती ने सोचा भीष्म करण द्रोण ये महारथी मेरी रक्षाकरेंगे वो भी भरी सभा मैं दृस्टि निचे करके देखते रहे इनका बल भी गया द्रोपती ने सोचा मैं आपने दांतो से अपनी लाज बचाउंगी दांतो के निचे साड़ी रखी अवस्थामा ने एक झटके मैं साड़ी खींचीभले ही नारी का बाल 10000 हाथी के बाल वाले दुशासन का मुकाबला कैसे करें द्रौपदी ने डांट से साड़ी दवाई अर्थशासन ने जैसे ही साड़ी को झटका दिया वैसे ही द्रोपदी के हाथ से साड़ी खिसक गई अब द्रौपदी ने बाल का त्याग कर दिया केवल श्याम सुंदर के बल पर ही निर्भय हो गई बस अनन्य हो गयी तभी क्या बढ़ाने के लिए भगवान तत्क्षण पहुंच गए भावार्थ यह है की उपासना पूजा व भक्ति में अनन्यता प्रमुख वस्तु है जिस पर लोगों का विशेष दृष्टिकोण नहीं रहता है ‘ इसलिए परमात्मा में अनन्यता होने पर जीवन की नींव में स्थिरता आ जाती है जो भक्ति करते हैं उन्हें भगवान अवश्य मिलते हैं मन रूपी मछली को विवेक रूप ज्ञान से भी धोगे तो द्रौपदी रूपी भक्ति स्वयं प्राप्त होगी और परमात्मा जीवन के हम रूपी दुशासन से बचाने स्वयं आएगी… विकास ममगाई ने कहा कि भक्ति भजन श्रेष्ठ होगा भगवान दरवाजा खटखटाना आएंगे जैसे सुलभ विदुर के भजन से दुर्योधन के मेवा त्याग कर सुलह के दरवाजे खटखटाये विदुर का सागवान विद्वान का किले का छिलका खाया यह भजन की मेहता का फल है आदि प्रसंगों पर श्री श्री ममगाई जी ने सारे वातावरण को भक्तिमय में कर दिया वहीं विशेष रूप से पूर्व शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी टिकाराम मैठानी जगदीश मैठानी आचार्य राजेन्द्र मैठानी पूर्व प्रधानाचार्य राजेन्द्र सेमवाल भाजपा सदस्य संजय चौहान प्रमोद कपरवाण शास्त्री डाक्टर बबिता रावत मंजुला तिवारी सतीश मैठानी दिनेश मैठानी सर्वेश मैठानी दर्शनी देवी पार्वती देवी मुकेश राजेश चन्द्रप्रकाश ओमप्रकाश सम्पति उर्मिला सुशीला सुनिता विजया संजाता लक्ष्मी मंजू भट्ट विनिता आरती ज्योति शैली क्षेत्र पंचायत सदस्य पुनिता सेमवाल डाक्टर सत्येश्वरी सत्येन्द्र भट्ट संजय अनिल शैलेश आमन्त्रित अभिषेक आयुष अतुल आदि उपस्थित थे ।।

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