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मसूरी। उत्तराखंड की लोक गायिका रेशमा शाह ने हाल ही में इंटरनेशनल फोक फेस्टिवल में भाग लेने के बाद पत्रकारों को बताया कि पहली बार वह इतने बड़े मंच पर गयी व उत्तराखंड सहित देश का प्रतिनिधित्व किया वहीं अपनी लोक संस्कृति से अवगत कराया, जिसकी सभी देशों के लोक गायकों ने सराहना की व सम्मानित किया गया।
मसूरी में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने दो दिवसीय इंटरनेशनल फोक फेस्टिवल का आयोजन किया जिसमें एक दिन दिल्ली व दूसरे दिन अहमदाबाद में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस फोक फेस्टिवल में सात देशों तुर्की, पाकिस्तान सहित अन्य देशों के लोक गायकों ने अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों से आए लोक गायकों से उन्होंने बहुत कुछ सीखा है। इस मौके पर जब गीत गाए तो पीछे स्क्रीन में पूरे उत्तराखंड के देवी
• इंटरनेशनल फोक फेस्टिवल में किया देश का प्रतिनिधित्व
देवताओं के मंदिर, उत्तराखंड की खूबसूरती, यहां के नृत्य के वीडियों दिखाए गए। जब उन्होने गीत गया तो सभी विदेशी गायकों सहित स्रोता उठ खड़े हुए व तालियां बजा कर सम्मान दिया। लोक गायिका रेशमा शाह ने सभी को बूढ़ी दिवाली बधाई दी व कहा कि यह जौनपुर जौनसार व रंवाई का सबसे बड़ा व प्रमुख पर्व है। उन्होने बताया कि उत्तराखंड पांडवों की भूमि है जिसमें दिवाली पर पांडव नृत्य किया जाता है।
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