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महिला कल्याण समिति के द्वारा कलश यात्रा के साथ शिवमहापुराण कथा का शुभारंभ हुआ नेशविलारोड गढ़वाल सभा में हुआ वहीं कथावाचन करते हुए ज्योतिष्पीठ व्यास पदाल॔कृत आचार्य शिवप्रसाद ममगांई जी नें कहा परिवार को सम्भावना है तो शिव के परिवार से सीख लो विषमता में समता बैल शेर का बैर मोर सांप का बैर चुका सांप का बैर लेकिन भगवान सबकी संतुष्टि करते हैं गणेश को लड्डू कार्तिक को पहनाव सुन्दर पार्वती को श्रृंगार तो शि को राख सबकी व्यवस्था करते हैं
आचार्य ममगांई नेंकहा परिवार को बल से नहीं, प्रेम से ही जीता जा सकता है। अपनों को हराकर आप कभी नहीं जीत सकते अपितु अपनों से हारकर ही आप उन्हें जीत सकते हैं। जो टूटे को बनाना और रूठे को मनाना जानता है,वही तो बुद्धिमान है।
वर्तमान समय में परिवारों की जो स्थिति हो गयी है वह अवश्य चिन्तनीय है। घर-परिवार में आज सुनाने को सब तैयार हैं पर सुनने को कोई तैयार ही नहीं। रिश्तों की मजबूती के लिये हमें सुनाने की ही नहीं अपितु सुनने की आदत भी डालनी पड़ेगी।
अपने को सही साबित करने के चक्कर में पूरे परिवार को ही अशांत बनाकर रख देना कदापि उचित नहीं। माना कि आप सही हैं पर कभी – कभी परिवारिक शान्ति बनाये रखने के लिये बेवजह सुन लेना भी कोई अपराध नहीं। जिन्दगी की खूबसूरती केवल ये नहीं कि आप कितने खुश हैं,अपितु ये है कि आपसे कितने खुश हैं।आज विशेष रूप से अध्यक्ष लक्ष्मी बहुगुणा महासचिव सुजाता पाटनी उपाध्यक्ष कमला नौटियाल उपाध्यक्ष सरस्वती रतूड़ी कोषाध्यक्ष मंजू बडोनी सुशमा थपलियाल नन्दा तिवारी सन्तोष गैरोला लक्ष्मी गैरोला मिना सेमवाल अनिता भट्ट मनोरमा डोभाल घिल्डियाल पुष्कर कैन्थोला मनोरमा डोभाल विरेन्द्र असवाल शालिनी उनियाल कृष्णा नन्द बहुगुणा आचार्य दामोदर सेमवाल आचार्य संदीप बहुगुणा आचार्य दिवाकर भट्ट आचार्य प्रदीप नौटियाल शुभम सेमवाल आदि थे ।।*
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