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- बागेश्वर उपचुनाव::: भाजपा प्रत्याशी की जीत से बढ़ेगा धामी का राष्ट्रीय स्तर पर कद
- चुनाव के अंतिम दो दिनों में धामी ने बदला हवा का रुख
- बागेश्वर की धरती से आई इस जीत ने धामी को राष्ट्रीय नेतृत्व के समक्ष अग्रिम पंक्ति में लाकर खड़ा किया
- समान नागरिक संहिता को लागू करने से लेकर भाजपा के तमाम अहम मुद्दों को आगे बढ़ा रहे धामी
देहरादून। बागेश्वर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास को मिली जीत ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का राष्ट्रीय फलक पर कद भी बढ़ाने का काम किया है। दरअसल, चुनाव से ठीक दो दिन पहले जिस तरह से मुख्यमंत्री धामी ने बागेश्वर में धुंआधार प्रचार किया, उसने चुनाव का रुख बदलकर रख दिया।
बागेश्वर विधानसभा सीट से धामी मंत्रिमंडल के सदस्य रहे श्री चंदन राम दास की बीमारी से हुई मृत्यु के बाद यह सीट रिक्त हो गयी थी। भाजपा ने इस सीट पर उनकी पत्नी पार्वती दास को अपना उम्मीदवार बनाया था। दूसरी ओर, उपचुनाव के बहाने मुख्यमंत्री को घेरने में जुटी कांग्रेस ने बागेश्वर में अपने कई हैवीवेट नेताओं को प्रचार की डोर थमाए रखी। यहां तक कि कांग्रेसी दिग्गज एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत ने भी आठ दिनों तक बागेश्वर में डेरा डाले रखा लेकिन मुख्यमंत्री धामी द्वारा अंतिम दौर में किए गए जोरदार प्रचार ने हवा का रुख ही बदल डाला।
मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड में मिली यह जीत इसलिए भी अहम हो जाती है कि आज आए नतीजों में पड़ोसी एवं भाजपा शासित राज्य उत्तरप्रदेश की कोसी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में देवभूमि में बाबा बागनाथ की धरती से आई इस जीत ने भाजपा को 2024 लोकसभा चुनावों को लेकर आश्वस्त किया है। यूं भी, सीएम श्री पुष्कर धामी पर आलाकमान अपना पूर्ण भरोसा जताता रहा है।
भाजपा के कोर मुद्दों में से एक समान नागरिक सहिंता को राज्य में लागू करने के के साथ ही धर्मांतरण कानून को धामी देवभूमि में लागू कर भाजपा के एजेंडे को लगातार आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। ऐसे में अब बागेश्वर की धरती से आई इस जीत ने धामी को राष्ट्रीय नेतृत्व के समक्ष अग्रिम पंक्ति में लाकर खड़ा कर दिया है।
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