Saturday, July 27, 2024
spot_img
Homeउत्तराखंडधंसते जोशीमठ को क्यों नहीं छोड़ रहे लोग? सता रहे ये सवाल,...

धंसते जोशीमठ को क्यों नहीं छोड़ रहे लोग? सता रहे ये सवाल, पढ़ें – RAIBAR PAHAD KA


शेयर करें

चमोली। पुनर्वास के लिए मुआवजा लेने के बाद भी जोशीमठ में कई परिवार भूधंसाव की जद में आए अपने भवन छोड़ने को तैयार नहीं। जान जोखिम में डालकर क्षतिग्रस्त भवनों का उपयोग कर रहे हैं। मनोहर बाग क्षेत्र में ऐसे 28 भवनों की विद्युत व पेयजल आपूर्ति रविवार को पहुंची ऊर्जा निगम और पेयजल की संयुक्त टीम ने बंद कर दी। ताकि, इनमें आवाजाही को रोका जा सके।

1200 से अधिक भवन  में पड़ी बड़ी दरारे

तीन माह पहले भी टीम यहां बिजली-पानी के कनेक्शन काटने पहुंची थी, लेकिन तब आपदा प्रभावितों के विरोध के चलते बैरंग लौटना पड़ा था। सीमांत जिले चमोली के जोशीमठ नगर में पिछले वर्ष दो जनवरी को भूधंसाव का क्रम तेज हुआ और देखते ही देखते 1200 से अधिक भवन बड़ी दरारों की चपेट में आ गए।

पैतृक आवास छोड़ने को तैयार नहीं

विशेषज्ञों की सलाह पर इनमें रहने वाले परिवारों को विस्थापित किया जाना है। इसके लिए सरकार ने प्रभावितों को भूमि या मुआवजे का विकल्प दिया है। कई परिवारों को मुआवजा दिया भी जा चुका है। लेकिन, मुश्किल यह है कि कुछ परिवार मुआवजा लेने के बाद भी पैतृक आवास छोड़ने को तैयार नहीं हैं। प्रशासन ने इन परिवारों की जर्जर भवनों में आवाजाही रोकने को तमाम प्रयास किए, मगर हर बार विफलता ही हाथ लगी। ऐसे में अब सख्ती शुरू की गई है। ऊर्जा निगम के एसडीओ अविनाश भट्ट ने बताया कि प्रशासन के निर्देश पर कनेक्शन काटे गए हैं।

जोशीमठ छोड़ने को तैयार नहीं प्रभावित

सरकार ने जोशीमठ से 90 किमी दूर गौचर के बमोथ में 26 हेक्टेयर भूमि आपदा प्रभावितों के पुनर्वास को चयनित की है। आपदा प्रभावित परिवार यहां भी जाना नहीं चाहते। उनका तर्क है कि यह पुनर्वास स्थल अत्यंत दूर है। इसी तरह करीब ढाई करोड़ रुपये से जोशीमठ से 15 किमी दूर ढाक में आपदा प्रभावितों के लिए बनाए गए 15-प्री फेब्रिकेटेड हट भी धूल फांक रहे हैं।

About Post Author



Post Views:
21

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments