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देहरादून। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ नेता व साहित्यकार प्रभाकर उनियाल का बुधवार शाम हृदयगति रूकने से निधन हो गया। वे 73 वर्ष के थे। उनकी अंतिम यात्रा वीरवार सुबह अंजली विहार (अजबपुरकलां) स्थित आवास से हरिद्वार के लिए निकलेगी।
प्रभाकर उनियाल दून ही नहीं, गढ़वाल में संघ के पुराने नेताओं में शामिल रहे हैं। वे भारतीय स्टेट बैंक में अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त थे। वर्तमान में वे ‘गगरी’ और ‘राष्ट्रदेव’ नामक पत्रिका के संपादन से जुड़े थे। वे अच्छे साहित्यकार भी थे। एबीवीपी के माध्यम से छात्र राजनीति शुरू करने वाले प्रभाकर उनियाल 1970 के दशक की शुरूआत में छात्रसंघ के चुनाव भी लड़े।
1970 के दशक में ही देहरादून में जेपी आंदोलन और हिंदी भाषा आंदोलन में उनकी भूमिका रही। आपातकाल का विरोध करने वाले प्रमुख लोगों में वे शामिल रहे। उत्तराखंड आंदोलन में उन्होंने सरकारी सेवा में रहते हुए भी भागीदारी की। मूलरूप से टिहरी जिले के निवासी प्रभाकर उनियाल की पत्नी विनोद उनियाल भाजपा की वरिष्ठ नेता हैं
और साल-2003 में पार्टी के टिकट पर मेयर का चुनाव भी लड़ चुकी हैं। प्रभाकर उनियाल छोटे भाई भाजपा में पूर्व महानगर मीडिया प्रभारी व पत्रकार राजीव उनियाल ने बताया कि बुधवार शाम उन्हें दिल का दौरा पड़ने पर सीएमआई अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन तब तक उनका निधन हो चुका था। उनका अंतिम संस्कार वीरवार को हरिद्वार खड़खड़ी में किया जाएगा।
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