शेयर करें
आज पुष्प विहार शिव शक्ति मंदिर से सनातन धर्म मंदिर होते हुए समस्त क्षेत्र वासियो द्वारा एवम 108 महिलाओं द्वारा सिर पर कलश लिए पीत वस्त्रों में ढोल दमाऊ की थाप के साथपुष्पबरसाते हुए मुख्य मार्ग व साकेत कालोनी के सनातन धर्म मंदिर होते हुए भव्य शोभायात्रा कथा प्रांगण तक पहुंची जहाँ पर वेद मंत्रों के साथ पुराण पूजन व व्यास जी का पूजन किया गया वही आज प्रथम दिवस की कथा प्रवचन करते हुए ज्योतिष्पीठ व्यास आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं जी ने कहा कि शिव शब्द का अर्थ ही कल्याण होता है जो उच्चारण में सरल है बसक्रान्ति धातु से शिव शब्द बनता है सरलता से प्रसन्न होने वाले देव दूसरे के हित में हलाहल को पी जाना एवम दोषों को कंठ में धारण करने वाले और बुद्धि व बाह्य अंतर बुद्धि की स्वच्छता रखने वाले कसैले विशैले नाग कंठ लगाने की आदत व सबसे ठेढा द्वितिया का चंद्रमा सिर पर धारण करने के स्वभाव का नाम ही शिव है यानि जो शीतलता का प्रतीक है यदि बुद्धि में शीतलता होती है तो दूसरे को ज्ञान प्रकाश देने में सहजता हो जाती है वस्त्रों में बाघम्बर यानी जंगल का सबसे शक्तिशाली राजा शेर इस दुनिया ने उसकी खाल उधाड़नी नही छोड़ी यही दुनिया का नियम है किसी की भी खाल उधाड़ना इसलिए बाते सुनकर के आत्मस्थ रहना यानी डमरू बजाना नाद का प्रतीक है त्रिशूल त्रिपुंड दैहिक दैविक भौतिक तीन तापों से परे होने का निर्देश करते हैं शिव पुराण की कथा जीव मात्र का कल्याण करती है महात्म्य का वर्णन सुनाते हुए ममगाईं ने कहा चंचुला और विन्दुक चरित्रहीन के दोष होते हुए शिव कथा श्रवण कर शिव लोक की प्राप्ति हो जाती है रवि प्रदोष में कथा का प्रारंभ होना अपने मे उत्कृष्ट है
आज विशेष साबर सिंह रावत मंजू रावत दर्शन रावत हर्षि रावत सुशीला भण्डारी हरेंद्र भंडारी विश्व वर्धन थपलियाल रेखा थपलियाल जसवीर बिष्ट श्रीमती रेणु विष्ट जयंती प्रसाद गैरोला शांति गैरोला आचार्य संदीप बहुगुणा आचार्य महेश भट्ट आचार्य हिमांशु मैठाणी आचार्य अजय मिश्रा आचार्य प्रमोद भट्ट संजीव ममगाईं दीपक पंथ कामेश्वर चौबे केशव शास्त्री ठाकुर पाठक धर्मानन्द जोशी आदि भक्त गण भारी संख्या में उपस्थित थे
About Post Author
Post Views:
18