उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध दिवंगत रत्न घनानंद घन्ना भाई की याद में होगी श्रद्धांजलि सभा


देहरादून: उत्तराखंड के दिवंगत सुप्रसिद्ध हास्य कलाकार पूर्व राज्यमंत्री घनानंद घन्ना भाई का विगत 11 फरवरी को निधन हो गया था उनके अकास्मिक निधन से उत्तराखंड के कला जगत में शोक की लहर है उनके निधन पर प्रदेश के कला जगत के लोग अलग अलग जगह श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर रहे हैं ,इसी कड़ी में रविवार को यानि कल 11 बजे उत्तराखंड के कला जगत से जुड़ें लोगों ने तीन बजे मीनाक्षी वेडिंग सभागृह में उत्तराखंड के महान कलाकार उत्तराखंड रत्न घनानंद घन्ना भाई की याद में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन रखा गया , जानकारी के मुताबिक श्रद्धांजलि सभा में घनानंद घन्ना भाई के 55 साल से जो लगातार संस्कृति की सेवा की और उत्तराखंड की संस्कृति को विश्व पटल पर पहुंचाने का कार्य किया उनकी याद में उनके अनुकरणीय कार्यों को याद किया जाएगा।
घनानंद घन्ना भाई के उत्कृष्ट कार्यों पर एक नजर…

घनानंद का जन्म 1953 में पौड़ी के गगोड़ गांव में हुआ।
उनकी शिक्षा कैंट बोर्ड लैंसडाउन जिला पौड़ी गढ़वाल से हुई।
घन्ना भाई ने हास्य कलाकार के रूप में अपने सफर की शुरुआत 1970 में रामलीलाओं में नाटकों से किया।
1974 में घनानंद ने रेडियो और बाद में दूरदर्शन पर कई कार्यक्रम भी दिए।

बता दें कि उत्तराखंड के मशहूर हास्य कलाकार घनानंद का जन्म साल 1953 में पौड़ी के गगोड़ गांव में हुआ था ।घनानंद की कैंट बोर्ड लैंसडाउन जिला पौड़ी शिक्षा दीक्षा गढ़वाल हुई। उन्होंने साल 1970 में रामलीलाओं में हास्य कलाकार के रूप में सफर शुरू किया। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड की कई फिल्मों में भी काम किया है। जिसमें घरजवैं, चक्रचाल, बेटी-ब्वारी, जीतू बगडवाल, सतमंगल्या, ब्वारी हो त यनि, घन्ना भाई एमबीबीएस, घन्ना गिरगिट और यमराज प्रमुख हैं।
घनानंद साल 1974 में रेडियो और बाद में दूरदर्शन में भी कई कार्यक्रम किए। यही नहीं उन्होंने राजनीति में भी किस्मत आजमाई और साल 2012 विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर पौड़ी विधानसभा से चुनाव मैदान में उतरे। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। जिसके बाद वो चुनाव में भाजपा के लिए स्टार प्रचारक की भूमिका में उतरते रहे हैं।