उत्तराखंड में फर्जी पत्रकारिता की आड़ में ब्लैकमेलिंग करने वालों की खैर नहीं , सूचना विभाग का चला चाबुक


प्रदेश में फर्जी पत्रकार और पत्रकारिता की आड़ में ब्लैकमेलिंग करने वालों की अब खैर नही। सूचना विभाग और जिला प्रशासन ने फर्जी पत्रकारों की जांच पड़ताल शुरू कर दी।

बताते चले कि बीते दो दशक से राजधानी देहरादून में प्रदेश से बाहर से आये कुछ तथाकथित पत्रकारों ने नेताओं और सूचना विभाग के कुछ अधिकारियों से गठजोड़ कर विभाग को गुमराह कर विज्ञापन और समेत अनाप शनाप ढंग से पैसे लिया जा रहा है, साथ पत्रकारिता की आड़ में जमकर ब्लैकमिंग हो रही है। इसके चलते कुछ दिन पहले प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकारों ने फर्जी पत्रकारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया वही उत्तराखंड सूचना विभाग ने तथाकथित पत्रकार, ब्लैकमेलर और संगठित अपराधों में लिप्त आरोपी विकास गर्ग के खिलाफ जांच को लिखा पत्र ।

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पत्रकारिता के नाम पर ब्लैकमेलिंग के धंधों का पटाक्षेप होता रहता है लेकिन इस बार मामला कुछ और है. इस तरह के गंभीर मुद्दे का संज्ञान खुद राज्य के सूचना विभाग ने लिया है और इस बाबत देहरादून जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और राज्य के समझ कल्याण विभाग (हल्द्वानी मुख्यालय) को शिकायती पत्र जांच के लिए प्रेषित किया है.
मामला देहरादून में रह रहे तथाकथित पत्रकार विकास गर्ग से जुड़ा है. विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थी कि विकास गर्ग संगठित अपराधों में लिप्त अपराधी है जिसके खिलाफ देहरादून में गंभीर धाराओं में मुक़दमें दर्ज़ हैँ. उस पर देहरादून में मुकदमा थाना नगर कोतवाली में दर्ज हैँ. विकास गर्ग ने सूचना विभाग को गलत और भ्रमित दस्तावेज सौंपकर विभाग को भी ठगा है. इस बाबत प्रदेश के राज्यस्तरीय मान्यताप्राप्त वरिष्ठ पत्रकारों ने शिकायत दर्ज करायी थी।