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नैनीताल में रोपवे से जा रहे यात्रियों की जान उस वक्त हलक में आ गई जब तकनीकी खराबी के चलते ट्राॅली अचानक बीच में ही रुक गई। इससे ट्राॅली में सवार 12 यात्री एक घंटे तक हवा में ही लटके रहे।
केएमवीएन प्रबंधन की तकनीकी टीम ने आनन फानन में ट्राॅली में सवार छह विदेशी सैलानियों समेत कुल 12 लोगों को रस्सी के सहारे रेस्क्यू कर सुरक्षित नीचे जमीन पर उतार लिया। करीब एक घंटे रेस्क्यू अभियान चला।बृहस्पतिवार दोपहर बाद लगभग साढ़े तीन बजे के करीब छह विदेशी पर्यटक व कुछ स्थानीय लोग अपने बच्चों के साथ रोपवे से स्नोव्यू जा रहे थे। रोपवे की ट्रॉली, स्टेशन से लगभग सौ मीटर दूरी पर पहुंची ही थी कि ट्राॅली के काउंटर की ओर एक आवाज आईआवाज आने पर ट्राॅली में सवार टेक्नीशियन ने जांच की तो वहां बैरिंग टूटा हुआ मिला।
इसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से ट्रॉली को रोक दिया गया। ट्रॉली रुकने से उसमें सवार लोगों में हड़कंप मच गया। बताया जाता है कि लगभग एक घंटे तक ट्रॉली 150 फीट की ऊंचाई में हवा में लटकी रही।तत्पश्चात रोपवे प्रबंधन ने ट्राॅली में मौजूद विदेशी सैलानियों व अन्य सभी लोगों को रस्सी व अन्य उपकरणों की मदद से जमीन पर सुरक्षित उतार लिया। नीचे पहुंचने पर ट्राॅली में सवार सभी लोगों ने राहत की सांस ली।कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) की ओर से संचालित रोपवे की ट्राॅली इससे पहले फरवरी 2019 में भी घंटे भर तक हवा में लटकी रही।
तब भी ट्राॅली में दस यात्री सवार थे। इससे रोपवे प्रबंधन में हड़कंप मच गया था।बाद में रोपवे प्रबंधन ने किसी तरह रस्सी व अन्य उपकरणों की मदद से ट्राॅली में फंसे सैलानियों को जमीन पर सुरक्षित उतार लिया था। इस घटना के बाद निगम प्रबंधन ने अप्रैल 2022 में ऐसी किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए ट्राली में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए माॅक ड्रिल किया था।
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