Tuesday, August 26, 2025
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चार दिन का सत्र ढेढ़ दिन में खत्म करके माननीय चल दिए देहरादून: डेढ़ दिन में 2 घंटे40 मिनट चली सदन की कार्यवाही – Sainyadham Express

बजट-वेतन-भत्तों का बढ़ा आकार, सिकुड़ा चर्चा का दायरा

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स्पीकर ने आपदा-कानून व्यवस्था पर चर्चा ठुकराई

सदन के अंदर गुजरी रात भी न आयी काम

₹5,315 करोड़ का अनुपूरक बजट व नौ विधेयक पारित

 

भराड़ीसैंण। कुछ फिल्मों का क्लाइमेक्स आम जनता को पहले ही पता होता है । उत्तराखण्ड विधानसभा के सत्र का क्या अंजाम होगा। यह भी जनता पहले ही सुना देती है। आखिर 25 साल से यही ट्रेलर जो देख रहे हैं।

19 और 20 अगस्त को भराड़ीसैंण के विधानभवन में सिर्फ दो घण्टे चालीस मिनट तक चले विधानसभा सत्र में विपक्ष अपने मुद्दों पर चिल्लाता रहा। और सत्ता पक्ष का काम आसान हो गया।

22 अगस्त तक चलने वाला विधानसभा सत्र 20 अगस्त की दोपहर में ही समाप्त हो गया। विपक्ष पहले दिन से ही आपदा व कानून व्यवस्था पर नियम 310 के तहत चर्चा कराए जाने की मांग करता रहा। वेल में विपक्ष ने कागज फाड़े। माइक हिलाए। वोट चोरी समेत तानाशाह सरकार के जोर जोर से नारे लगाए।

 

यही नहीं, पहले दिन चर्चा की अनुमति नहीं मिलने पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य व प्रीतम सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस के विधायकों ने विधानभवन के मंडप के अंदर ही गद्दे, रजाई डालकर ऐतिहासिक रात बिताई।

सीएम धामी की विपक्ष को मनाने की कोशिशें भी बेअसर रही।

 

इस सत्र का सबसे गम्भीर पहलू यह रहा कि कांग्रेस के तात्कालिक व मौजूं सवाल (आपदा व कानून व्यवस्था) पर स्पीकर ऋतु खण्डूड़ी टस से मस नहीं हुई। धराली-हर्षिल की जानलेवा आपदा पूरे देश ने देखी। और नैनीताल का अपहरण कांड व बेतालघाट की फायरिंग भी पूरे देश की नजरों में आई।

इस मुद्दे पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का सख्त लहजा भी सुर्खियों में रहा। उम्मीद यह जताई जा रही थी कि नियम 310 के तहत स्पीकर कम से कम गम्भीर आपदा पर चर्चा की मांग स्वीकार करेंगी। आपदा पर बहस होने पर कई पीड़ितों से जुड़े अनछुए पहलू सामने आते। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
मात्र डेढ़ दिन के गैरसैंण सत्र को लेकर यह भी सवाल उठ रहे है कि इससे अच्छा तो दून में ही कर लेते। इतने भारी खर्चे पर पूरी सरकारी मशीनरी को गैरसैंण क्यों ले जाया गया।

बहरहाल, डेढ़ दिनी सत्र के पहले दिन 1 घन्टा 45 मिनट और दूसरे दिन 20 अगस्त को
55 मिनट तक सदन की कार्यवाही चली। इन डेढ़ दिन में कई बार सदन स्थगित हुआ। कुल 2 घण्टे चालीस मिनट सदन चला। कोई प्रश्नकाल नहीं। कोई सवाल जवाब नहीं। शोरगुल के बीच नये संसदीय कार्यमंत्री सुबोध उनियाल की भी परीक्षा नहीं हो पाई।
इस गतिरोध का लाभ उठाते हुए पूर्व की तरह इस बार भी सत्ता पक्ष ने हो हल्ले के बीच पांच हजार करोड़ से अधिक का अनुपूरक बजट और नौ विधेयक पास करवा लिए। नारेबाजी के बीच अन्य बिजनेस भी फ़टाफ़ट निपटा लिए गए।

भराड़ीसैंण के अति लघु विधानसभा सत्र के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाओं का सिलसिला शुरू हो चुका है। सोशल मीडिया में भाजपा-कांग्रेस के बीच मैच फिक्स की संभावना भी खुल कर जताई जा रही है।

सत्र की समाप्ति के बाद हवाई व सड़क मार्ग से बचते बचाते अपने अपने ठौर पर लौटने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। लेकिन वही पुराने सवाल एक बार फिर पहाड़ी मोड़ पर अटके हुए हैं।
बीते 25 साल में प्रदेश के बजट का आकार 25 गुना बढ़ चुका है। माननीयों के वेतन-भत्ते व सुविधाओं का दायरा भी फैलता जा रहा है। इन 25 सालों में कुछ अगर सिकुड़ा है तो वो विधानसभा के अंदर बहस व चर्चा का दायरा…

देखें, सदन के प्रमुख फैसले

₹5,315 करोड़ का अनुपूरक बजट पारित

पारित विधेयकों की सूची

उत्तराखंड विनियोग (Supplementary Appropriation) विधेयक, 2025
उत्तराखंड–उत्तर प्रदेश श्री बदरीनाथ तथा श्री केदारनाथ मंदिर अधिनियम, 1939 (संशोधन) विधेयक, 2025
उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता एवं विधि-विरुद्ध प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक, 2025 – जिसे आमतौर पर अंटी-रूपांतरण बिल (Anti-conversion Bill) कहा जा सकता है।
उत्तराखंड निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2025
उत्तराखंड साक्षी संरक्षण निरसन विधेयक, 2025
उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक, 2025 – Minority Educational Institutions Bill
समान नागरिक संहिता उत्तराखंड (संशोधन) विधेयक, 2025 – Uniform Civil Code (Amendment)
उत्तराखंड पंचायती राज (संशोधन) विधेयक, 2025
उत्तराखंड लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक, 2025
अनुपूरक बजट 2025-26 के मुख्य बिन्दु

अनुपूरक बजट 2025-26 का आकार लगभग रू0 5315.39 करोड़ है जिसमें लगभग रू0 2152.37 करोड़ राजस्व पक्ष में तथा लगभग रू0 3163.02 करोड़ पूंजीगत पक्ष में है।

केन्द्र पोषित योजनाओं के अन्तर्गत रू0 1689.13 करोड़ तथा बाह्य सहायतित योजनाओं के अन्तर्गत रू0 215.00 करोड़का प्रावधान इस अनुपूरक बजट के माध्यम से किया गया है।

मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना हेतु रू0 10.00 करोड

मिलेट मिशन हेतु रू0 08.00 करोड़

सूचना विभाग के अन्तर्गत विज्ञापन तथा अधिष्ठान हेतु रू0 120.00 करोड़

NDRF के अंतर्गत अग्निशमन सेवाओं का विस्तार एवं आधुनिकीकरण हेतु रू0 78.89

 

प्रदेश के मार्गों / पुलियों का अनुरक्षण कार्य हेतु रू0 75.00 करोड़

अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के अन्तर्गत रू0 50 करोड़

शारदा रिवर फ्रंट योजना के क्रियान्वयन हेतु रू0 50.00 करोडु

महिला स्पोर्ट्स कॉलेज चंपावत का निर्माण हेतु रू0 50.00 करोड़

पम्पिंग आधारित योजनाओं पर सोलर पैनल अधिष्ठापन हेतु रू0 25.00 करोड़

आपदा न्यूनीकरण निधि हेतु रू0 13.00 करोड़

दैवीय आपदाओं से प्रभावित परिवारों के पुर्नवास हेतु रू0 05.00 करोड़

जल ग्रहण क्षेत्र शोधन योजना कैम्पा कैट प्लान हेतु रू0 20.00 करोड़

विद्यार्थियों को शिक्षण सामग्री / निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण हेतु रू0 20.00 करोड़

टाटा टेक्नोलॉजी माडल हेतु रू0 20.00 करोड़

राष्ट्रीय प्रतियोगताओं के विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार हेतु रू0 18.00 करोड़

प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन के अन्तर्गत हेतु रू0 6.00 करोड़

प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को सहायता योजना हेतु रू0 10.00 करोड

पर्वतीय मार्गों में परिवहन निगम द्वारा बस संचालन के फलस्वरूप होने वाली हानि की प्रतिपूर्ति हेतु रू0 10 करोड

परिवहन निगमों की बसों में निर्धारित श्रेणियों के यात्रियों हेतु निशुल्क यात्रा सुविधा हेतु रू0 3.1 करोड

राजस्व उप निरी०/राज०निरी० को शासकीय कार्य हेतु लैपटॉप / इंटरनैट उपलब्ध कराये जाने हेतु रू0 5.00 करोड

दुधारू पशुओं को साईलेज उपलब्ध कराये जाने हेतु रू0 10 करोड

गौ सदन का निमार्ण हेतु रू0 5.00 करोड

परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड हेतु रू0 5.00 करोड

संशोधित आईपीसी, सीआरपीसी एवं साक्ष्य अधिनियम हेतु प्रशिक्षण हेतु रू0 3.00 करोड

शहरी विकास के अन्तर्गत ई०डब्ल्यू०एस० आवासों हेतु रू0 2.86 करोड़

उत्तराखण्ड शहीद कोष हेतु रू0 2.50 करोड़

 

 

 

 

 

 

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