वर्तमान सुधारनें वाले का भविष्य सुधरता है आचार्य ममगांई
* चौरासी लाख योनि के बाद मनुष्य योनी मिली उसमें परमात्मा आपको कुछ अच्छा समय व सुख देते हैं लेकिन हमारी गलत सोच उस अच्छे समय को गुड़ गोबर कर देते हैं जब गुड़ मे गोबर मिलता वह खाने योग्य नहीं रहता इसी तर सुनहरा समय मिला वह खो दिया दुबारा नही मिलेगा इसमे कमी हमारी और गलत सोच की है इसलिए वर्तमान सुधारनें वाले का भविष्य सुधारता है दूध की चर्चा करतै हुए कहा कि श्रावण मास में दूध का सेवन निषेध है। दूध इस मास में स्वास्थ्य के लिए गुणकारी के बजाय हानिकारक हो जाता है।
इसीलिए सावन मास में दूध का सेवन न करते हुए उसे शिव को अर्पित करने का विधान बनाया गया है। यह बात राजपुर अर्धनारीश्वर मन्दिर में स्थानीय लोगों के द्वारा आयोजित शिवपुराण कथा के तीसरे दिन ज्योतिषपीठ व्यास आचार्य शिवप्रसाद ममगांई ने कही : कहा कि चांवल को अक्षत भी कहा जाता है और अक्षत का अर्थ होता है जो टूटा न हो। इसका रंग सफेद होता है। पूजन में अक्षत का उपयोग अनिवार्य है। किसी भी पूजन के समय गुलाल, हल्दी, अबीर और कुंकुम अर्पित करने के बाद अक्षत चढ़ाए जाते हैं। अक्षत न हो तो शिव पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती। यहां तक कि पूजा में आवश्यक कोई सामग्री अनुप्लब्ध हो तो उसके एवज में भी चावल चढ़ाए जाते हैं। जो टूटा नहीं अक्षत उसे कहते किसी के सम्बन्ध टूटे को जोड़ने वाले अक्षत तथा सतोगुण को बढ़ावा मिलता अक्षत चढ़ानें से : चंदन का संबंध शीतलता से है। भगवान शिव मस्तक पर चंदन का त्रिपुंड लगाते हैं।
चंदन का प्रयोग अक्सर हवन में किया जाता है और इसकी खुशबू से वातावरण और खिल जाता है। यदि शिव जी को चंदन चढ़ाया जाए तो इससे समाज में मान सम्मान यश बढ़ता है वहीं सती प्रसंग पर प्रसिद्ध कथावाचक ने कहा कि कोई भी कार्य करो लेकिन बेटी को सम्मान दो दक्ष नें अपनी बेटी सतीशको निमंत्रण सनहीं दिया इसलिए यज्ञ का फल उल्टा दुख देने वाला हुआ
आज विशेष रूप से पूर्व पार्षद उर्मिला थापा भूपेंद्र नेगी कुसुम नेगी नितू रावत माला बंगवाल शिव चरण सिंह भण्डारी बनी मधवाल कंचनस मधवाल अनिता गौरव थापा आदि उपस्थित रहे ।।