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देहरादून:इन दिनों उत्तराखंड में दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के शिलान्यास के बाद सियासत तेज हो गई और विपक्ष को बैठे बिठाए बडा मुद्दा हाथ लग गया संत समाज से लेकर आम लोग अपनी अपनी राय सोशल मीडिया के माध्यम से दे रहे हैं वहीं अब पूर्व राज्यमंत्री और बद्रीनाथपीठ के व्यास आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं का बयान भी सामने आया है उन्होंने दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनाने पर कडा एतराज जताया है।
आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं का बयान
दिल्ली के केदार और केदार नाथ यह मन्दिर पाण्डवों नें बनाया आदि गुरू शंकराचार्य जी नें जीर्णोद्धार किया इससे पहले ज्योति के रूप में सिद्ध गन्धर्व पूजा करते थे
मन्दिर बनाने में स्वतन्त्रता है लेकिन जो देवता जहां वसा है वहीं पर उनकी महता है केदार संस्कृत में दलदली भुमि के लिए बोलते हैं जहां शंकर जी पहले ज्योति और फिर भैंसे के रूप में पृष्ट भाग केदार मुखभाग नेपाल है जहां जो लिंग है उसकी महता वहीं है और भक्तों की कामना भी वहीं पूर्ण होती है इस तरह देव स्थल और देवताओं देव स्थलों पर छेड़छाड़ करना सरासर गलत है केदार से पत्थर लैजाकर स्थापित करना देवभुमिं व देवों को इस तरह बंटवारा करना सरासर गलत है मैं शंकराचार्य पीठ का व्यास होनें के नाते धर्म और धर्म स्थल का रक्षण करना भी मेरा एक दायित्व बनता वह लोग नाम बदलकर बनायें कोई आपती नहीं नहीं मेरी ओर से पूर्ण आपती है लोगों की आस्था पर आघात किया जा रहा जो कि सरासर गलत है केदार की पूजा लिंगायत समाज व हमारे तिर्थ पुरोहित युगों से करते आये हैं हमारी परम्पराओं को न तोंडे आचार्य शिवप्रसाद ममगांई ज्योतिष्पीठ बद्रिकाश्रम व्यासपीठालंकृत
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