1951 में असली से पहले देश में हुए थे नकली आम चुनाव, जानिए वजह – RAIBAR PAHAD KA


शेयर करें

लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। देश में लोकसभा के लिए ये 18वें चुनाव होंगे। चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। तैयारियां जोरों पर हैं। राजनीतिक दल दावे, वादे कर रहे हैं। बीजेपी, कांग्रेस सहित अन्य दल सियासी रूप से बेहद सक्रिय हैं। ऐसे में हम आपको देश के चुनावी इतिहास के बारे में ऐसी बातें भी बता रहे हैं, जो बेहद रोचक हैं।

पहला लोकसभा चुनाव इतना लंबा चला था

संभवतः आपको पता हो कि देश में पहला आम चुनाव 1952 में हुआ था। तब देश में 489 सीटों पर चुनाव हुए थे। इस पहले चुनाव में 53 दलों ने हिस्सा लिया था। आम चुनाव की प्रक्रिया बेहद लंबी चली थी। पहला आम चुनाव 25 अक्टूबर 1951 से फरवरी 1952 तक हुआ था। 10 फरवरी 1952 को इतने लंबे समय तक चले चुनाव के नतीजे घोषित हुए थे और इसके साथ ही जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में आज़ाद भारत की पहली सरकार बनी थी। तब कांग्रेस को पहले आम चुनाव में 364 सीटें मिली थीं। 

असली से ठीक पहले हुए थे नकली आम चुनाव

ये तो हुई पहले आम चुनाव की बात, लेकिन क्या आपको पता है कि पहले आम चुनाव के शुरू होने से पहले देश में नकली चुनाव कराए गए थे? जी हाँ, ये सच है। असली चुनाव से पहले देश में नकली आम चुनाव कराए गए थे। असली आम चुनाव के शुरू होने से ठीक पहले सितंबर, 1951 में देश में नकली चुनाव कराए थे।

ये था मकसद?

सितंबर, 1951 में नकली आम चुनाव कराए गए। इसकी बड़ी वजह भी थी। ऐसा इसलिए किया गया ताकि लोग चुनावी प्रक्रिया को समझ सकें। लोगों को चुनावी प्रक्रिया को समझाने और वोट डालने का तरीका बताने के लिए नकली चुनाव अभियान चलाया गया था। दरअसल, देश में इससे पहले कभी भी वोटिंग प्रक्रिया के तहत सरकार नहीं चुनी गई थी, कई तरह के अलग-अलग शासनकाल को देखने के बाद देश में पहली बार चुनाव हो रहे थे, इसलिए लोगों को इस प्रक्रिया के बारे में कुछ भी पता नहीं था। ऐसे में लोगों को चुनावी प्रक्रिया से परिचित कराने के लिए नकली चुनाव कराए गए थे।

About Post Author



Post Views:
29

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *