दिल्ली पुष्प विहार साकेत में कोई बने बाराती कोई घराती विवाह का अर्थ है वाह वाह हो :आचार्य ममगाईं – RAIBAR PAHAD KA


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आज दिल्ली पुष्प विहार साकेत में शिवपुराण की कथा के चौथे दिन ज्योतिष पीठ व्यास पदाल॔कृत आचार्य शिवप्रसाद ममगांई जी नें शिव पार्वती विवाह प्रसंग सुनाया वहीं आयोजन कर्ताओं के द्वारा शिव पार्वती की झांकी मनमोहक रही तो एक भण्डारे का भी आयोन में हलवा पक्वान पुडी छकी भक्तों एक बड़ी अच्छी आचार्य नें कही ! शब्द दो हैं? – एक होता है विवाह और एक होता है व्याह।- इसका अर्थ है? — जब विवाह के बाद वाह, वाह बनी रहे, तो विवाह, और जिसके होते ही आह, आह शुरू हो जाय, वह व्याह।
जब शंकर भगवान से देवताओं ने विवाह के लिए प्रार्थना की। तो शंकर भगवान तैयार हो गए, पर देवताओं को लगे कि इन्होंने काम को तो जला दिया और विवाह के लिए तैयार, लेकिन पूछे कौन? तब ब्रह्मा जी ने पूछा कि देवता यह जानना चाहते हैं कि आपने काम को जला दिया और विवाह के लिए तैयार हो गए, यह बात समझ में नहीं आई।शंकर भगवान ने कहा — समझना क्या सीधी सी बात है। मैंने काम को जला दिया, विवाह के लिए तैयार हूँ। इसका अर्थ इतना ही है कि मैं काम की प्रेरणा से नहीं, मैं तो राम की प्रेरणा से विवाह के लिए जा रहा हूँ। हमारे यहाँ तो विवाह भी यज्ञ है ।सचमुच, हमारे यहां गृहस्थ आश्रम की बड़ी महिमा गाई गई है। धन्यो: गृहस्थ आश्रम:। गृहस्थ आश्रम धन्य है। हमारे यहां जो चार आश्रम हैं — ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास। इनमें सबसे महत्वपूर्ण आश्रम गृहस्थ आश्रम है।आचार्य ममगांई
नए कहा गृहस्थ आश्रम में अनेक महात्माओं का जन्म होता हो और परमात्मा जहाँ प्रकट होते हों, उस गृहस्थ आश्रम की महिमा सबसे बड़ी है। धन्यो गृहस्थ आश्रम: आज विशेष रूप से पूजन में विरेन्द्र रावत मिनाक्षी रावत शिवानी रावत सावर सिंह रावत मंजू राव दर्शन सिंह रावत श्रीमती हँसी रावत
हरेन्द्र भण्डारी
सुशीला भंडारी विश्व वर्धन थपलियाल
रेखा थपलियाल
जसवीर विष्ट
रेणु विष्ट
जयंती गैरोला शांति गैरोला
वीरेंद्र रावत
मीनाक्षी रावत
शिवानी रावत
कामेश्वर चौबे
केशव शास्त्री
ठाकुर प्रसाद पाठक
धर्मानन्द जोशी
प्रमोद भट्ट
संजीव ममगाईं
दीपक पंथ

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