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देहरादून की कृषि आधारित फर्म रॉकहिल एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड ने महत्वपूर्ण औषधीय पौधे डंडेलियन (सिंहपर्णी) पर वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। माननीय कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत जी, पूर्व वैज्ञानिक एनबीआरआई लखनऊ डॉ. अजय कुमार सिंह रावत एवं सेण्टर फॉर एक्स्सिलांस इन मेडिसिनल प्लांट्स एंड नैनोटेक्नोलाजी के मानद निदेशक श्री महेंद्र राणा के समक्ष हुए इस समझौता ज्ञापन के अनुसार, केयूएन के सेण्टर फॉर एक्स्सिलांस इन हिमालयन मेडिसिनल प्लांट्स एंड नैनोटेक्नोलाजी भीमताल (KUN-CEHMPN) को उक्त पौधों की औषधीय संपत्ति का वैज्ञानिक सत्यापन करना है। रॉकहिल के संस्थापक अजय पंवार के अनुसार सिंहपर्णी महत्पूर्ण औषधीय गुणों से भरपूर पौध है जिसकी फार्मा व्यवसाय में बहुत मांग है. धार क्षेत्रीय विकास संस्थान कीर्तिनगर टिहरी गढ़वाल के द्वारा पहली बार इसकी व्यवसायिक खेती की शुरुवात की गयी एवं विभिन्न सरकारी विभागों/योजनाओं (CSIR-IIIM, CAP, PKVY, MGNREGA, REAP, MPRY, नमामि गंगे इत्यादि) के अंतर्गत सिंहपर्णी की बड़े पैमाने पर खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसकी उपज को रॉकहिल एग्रीटेक द्वारा खरीदा जाता है जिससे किसान अच्छी आय अर्जित कर रहे. अभी तक इंडस्ट्रीज को सीधा कच्चा माल भेजा जा रहा है. यदि इसके संवर्धन एवं मूल्य वर्धन पर काम किया जाय तो यह पहाड़ की कृषि में एक क्रांति ला सकती है साथ ही इससे बनी औषधियां समाज के लिए वरदान साबित हो सकती है, भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए रॉकहिल एग्रीटेक ने वैज्ञानिक अनुसंधान और पशु परीक्षणों के लिए कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के साथ करार किया है। इस अवसर पर कुमाऊं विश्वविद्यालय की और से रजिस्ट्रार श्री दिनेश चंद्रा, एवं रॉकहिल एग्रीटेक की और से संस्थापक श्री अजय पंवार एवं प्रबंधक श्री रामेश्वर बर्त्वाल मौजूद रहे.
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