चिन्तन परमात्मा का चिन्ता संसार की आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं – RAIBAR PAHAD KA


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स्वर्ग और मोक्ष के सब सुखों को तराजू के एक पलड़े में रखा जाए, तो भी वे सब मिलकर (दूसरे पलड़े पर रखे हुए) उस सुख के बराबर नहीं हो सकते, जो लव (क्षण) मात्र के सत्संग से होता है॥आज बृजधाम ईको सिटी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के समापन दिवस पर ज्योतिष्पीठ बद्रिकाश्रम व्यासपीठालंकृत आचार्य शिवप्रसाद ममगांई जी ने कहा , चिन्तन को बढ़ाओ और चिंता को मिटाओ, चिन्ता संसार की होती है और चिन्तन परमात्मा का होता है, जब चार बातों को ध्यान में रखकर व्यक्ति चिन्तन को बढ़ायेगा तो ज्यादा से ज्यादा चिन्तन प्रभु का करेगा, धीरे-धीरे मन परमात्मा में लग जायेगा, मन की चंचलता समाप्त हो जायेगी, देहाभ्यास की निवृत्ति हो जायेगी।
उसके बाद श्री शुकदेवजी ने परमात्मा का चिंतन किया, उनका दिव्य स्तवन किया, राजा ने कहा, भवन! सारी सृष्टि को परमात्मा कैसे बनाते हैं?
आयोजकों के द्वारा विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया वहीं भागवत शब्द की व्याख्या करते हुए आचार्य ममगांई ने कहा भागवत-रस-रसिको! यह श्रीमद्भागवत वेद रूप कल्पवृक्ष का परिपक्व (सुपक्व) फल है। श्रीशुक के मुख से संस्पृष्ट होने के कारण यह आनन्दपूर्ण अनन्त अमृत से भरपूर है। इस फल में छिलका गुठली आदि त्याज्य अंश तनिक भी नहीं है। यह रसस्वरूप परमात्मा का अभिव्यंज्यक, प्रकाशक होने के कारण साक्षात् रस ही है। मुक्त हो जाने पर भी पुनः-पुनः (बार-बार) इसका पान करते ही रहिये। यह भूलोक में ही सुलभ है। स्वर्गलोक, कैलासपुरी, वैकुण्ठ में भी सुदुर्लभ है। अतः भाग्यवान भक्तो! इस रस को पियो, पियो, पीते रहो, कभी मत छोड़ो, कभी मत छोड़ो।
आदि प्रसङ्गो पर लोग भाव विभोर होगये ।आज पूजन अर्चन मे श्री अभिनदंन शर्मा जी, श्रीमती सीमा शर्मा जी, हेमानी, धान्या, और श्री राजेश सिंगला जी श्री मति अनु सिंगला जी सिरिल सिंगला तथा प्रवीन सिंगला गिता सिःगल अरविन्द ममगांई श्री केवल कृष्ण गोयल श्री मति प्रवीण लता जी श्री रीतेश गोयल श्रीमति रश्मि गोयल कनव गोयल जसिक गोयल और श्री रमाकान्त जुगरान जी श्री दीपक जुगरान जी श्रीमति अंकिता जुगरान जी श्री आशीष जुगरान जी श्रीमति अन्नु जुगरान , अनिरुद्ध, एशनावी, अंश जुगरान और श्री महेंद्र भंडारी श्रीमति कृष्णा देवी श्री राजेश भण्डारी श्रीमती सोनिया भंडारी श्रीमान जितेंद्र भंडारी श्रीमति राधा भंडारी युवराज, अर्जुन, नंदिनी भंडारी और मनीषा दत्ता श्रीमती सरिता डंगवाल श्री सरोप सिंह रावत जी श्री विजय ममगांई जी राकेश रतूड़ी मंजू रतूड़ी रामानन्द चार्य महाराज जी सचिव पी जी आई मनोज जि सुशम् शर्मा रेनु वत्स मोनिका जिन्दल योगेश शर्मा क्रय अधिकारी पी जी ए जगदीश पठानिया कुलदीप सिं। सैनी अध्यक्ष युको सिटी 1 राज कुमार लेखाधिकारी पी जी ए आचार्य प्रदीप नौटियाल, आचार्य संदीप बहुगुणा , आचार्य हिमांशु मैठाणी आचार्य अजय मिश्रा अनूप भट्ट जी सुरेश जोशी जी

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