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रैबार पहाड़ का
दे.दून : विश्व उद्यमिता दिवस पर ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में स्वाबलंबी भारत चुनौती एवम अवसर पर व्याख्यान का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में छात्रों को व्याख्यान देते हुए मशरूम ब्रैंड अंबेस्डर दिव्या रावत ने कहा कि स्वरोजगार के माध्यम से ही पलायन जैसी आपदा से निपटा जा सकता है जिसके लिए मशरूम बेहतर विकल्प है आज पहाड़ घोस्ट विलेज के रूप में जाने जाने लगे गांव के गांव खाली हो गए । पहाड़ के युवा दिल्ली मुंबई में आठ दस हजार की नौकरी करने को मजबूर हैं । नोएडा में रहकर मैने पहाड़ के युवाओं की पीड़ा को महसूस किया और उसी दिन निर्णय लिया कि मैं उत्तराखंड वापस जाकर काम करूंगी और रिवर्स पलायन की मुहिम छेड़ी और चमोली गढ़वाल से इसकी शुरूआत की जिसके अंतर्गत मशरूम उत्पादन को चुना क्योंकि बाजार में इसका उचित मूल्य मिल जाता है और मौसम जंगली जानवरों से कोई खतरा नहीं ।मशरुम की कई किस्में आधुनिक टेक्नोलोजी के लिए विदेश जाकर रिसर्च किया और कीड़ा जड़ी जैसे उत्पाद को अपनी लेब में तैयार किया जो तीन लाख किलो बिकती है । अपनी यही टेक्नोलोजी को मैं लोगों को देती हू जिससे वो अपना उत्पाद तैयार करते हैं । कोरोना काल में जहां लोग घर वापसी कर रहे थे और आर्थिक संकट से जूझ रहे थे ऐसी विषम परिस्थितियों में युवाओं ने स्वरोजगार के रूप में मशरूम उगाया आज वो बेहतर स्थिति में हैं।आज पहाड़ का युवा काफी जागरूक हो गया है और स्वरोजगार अपना रहा है पहाड़ की महिलाए मशरूम उत्पादन में अपनी रुचि ले रही है कोटद्वार में एम एस एम ई मंत्रालय के माध्यम से चार हजार महिलाओ का प्रशिक्षण केंद्र एवम मशरूम से तैयार सैकड़ों किस्मों के उत्पाद वहां की खेती के गुणकारी स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद को भी शामिल किया जाएगा जिसका लोकार्पण पिछले हफ्ते केंद्रीय एम एस एम ई मंत्री नारायण राणे जी पिछले होते कर गए जो नींव का पत्थर साबित होगा । कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ मनप्रीत सिंह, प्रोफेसर गौरी,प्रो ज्योति छाबड़ा ने दिव्य रावत को मेमेंटो देकर सम्मानित किया ।
( दिव्या रावत )
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