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रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में गुलदार का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहे हैं आए दिन बाघ कभी बाघ इंसानों को अपना निवाला बना रहे हैं ताजा मामला जखोली ब्लॉक के लुठियाग गांव के खल्वा तौक का है जहां काश्तकार कलम सिंह मेहरा के घोड़े पर बाघ ने तड़के सुबह चार बजे घोड़े के घर दरवाजे को आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कर उनके घोड़े पर जानलेवा हमला किया ,उनकी धर्मपत्नी की अचानक नींद खुली तो उन्होंने कलम सिंह मेहरा को बताया है की बाघ ने जानवरों पर हमला कर रहा,जब वह दोनों पति-पत्नी बाहर से आए तो वह देखकर दंग रह गए, बाघ घोड़े पर हमला कर था कलम सिंह मेहरा ने बाघ के सामने हिम्मत नहीं हारी और अपने जान को दांव पर लगाकर आधे घंटे बाघ के साथ संघर्ष करके अपने घोड़े की जान बचाई ,वन विभाग के टीम को जब कलम सिंह मेहरा ने वन विभाग को सूचना दी तो शीघ्र वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचे जिस में बीट अधिकारी मदन नेगी और वन आरक्षी अरुण सिंह बिष्ट मौके पर पहुंचे और शीघ्र उपचार की सलाह दी । लेकिन अभी तक उपचार के लिए डॉक्टर मौके पर पहुंचे। कलम सिंह मेहरा ने बताया की घोड़ा ही उनका आय का साधन था और 12 जून और 13 जून की बुकिंग थी अब वह कैसे घायल घोड़े को ले जाएंगे ।
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