पहाड़ की नारी के इस हौसले को सलाम: जो काम नेता अधिकारी ना कर सके वह पहाड़ की नारियों ने कर दिखाया , बनाया हेलीपैड बचाई कई यात्रियों की जान – RAIBAR PAHAD KA


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उत्तराखंड पहाड़ में जब भी आपदा जैसे हालात हुए तो यहां के स्थानीय लोग एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आते रहे हैं। इसी तरह मद्महेश्वर में भी पैदल पुल टूटने के बाद स्थानीय लोगों की दिलेरी यहां फंसे यात्रियों को गदगद कर गई। यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए जब हेलीकॉप्टर भेजने की बात हुई तो ग्रामीण दुर्गम इलाके में कुदाल, फावड़ा उठाकर छानियों के समीप खर्क में अस्थाई हेलीपैड बनाने में जुट गए। न सिर्फ पुरुष, बल्कि महिलाओं ने भी खूब हाथ बढ़ाया और कुछ ही घंटे में हेलीपैड तैयार कर दिया।

13 अगस्त को मद्महेश्वर पैदल मार्ग में बनतोली के पास पैदल पुल बहने से करीब तीन सौ यात्री फंस गए थे। गौंडार के ग्रामीणों को जैसे ही पता चला वे मदद के लिए दौड़ पड़े। ग्राम प्रधान वीर सिंह पंवार के नेतृत्व में बनतोली में यात्रियों को लाने के लिए वैकल्पिक तरीके खोजे जाने लगे। वहीं शासन-प्रशासन से हेलीकॉप्टर की मांग होने लगी। हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए बनतोली में उपयुक्त जगह नहीं, मिली तो नानू खर्क को बेहतर पाया गया। जैसे ही पता चला कि मद्महेश्वर से करीब आठ किमी नीचे नानू खर्क में अस्थाई हैलीपैड बनाने को सहमति मिली तो गौंडार गांव के युवाओं के साथ महिलाएं भी हाथ में कुदाल, गैंती, फावड़ा लेकर दौड़ पड़ गौंडार की सरोज देवी, कुंवरी देवी, शिव देई, शिवानी देवी, प्रीति देवी ने राय सिंह, सुंदर सिंह सहित बड़ी संख्या में युवाओं के साथ मिलकर अस्थाई हैलीपैड बनाने में सहयोग दिया

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