22 हजार उपनल कर्मचारियों की हड़ताल ने बढ़ाई धामी सरकार की मुसीबत, स्वास्थ्य व्यवस्था से लेकर कई विभागों की सेवा ठप – Sainyadham Express

अपनी एक सूत्रीय नियमितीकरण किए जाने के मांग को लेकर सोमवार को प्रदेश भर से आए उपनल कर्मियों ने परेड ग्राउंड के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है।उपनल कर्मचारी महासंघ रुद्रप्रयाग के जिला अध्यक्ष अनिल गोसाई ने कहा कि राज्य के सभी विभागों को मिलाकर करीब 22 हजार उपनल कर्मियों ने आज कार्य बहिष्कार का फैसला लिया। उन्होंने इसे सरकार और ब्यूरोक्रेट्स की नाकामी बताते हुए कहा कि वर्ष 2018 में नैनीताल उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को चरणबद्ध तरीके से सभी उपनल कर्मियों को नियमित किए जाने को कहा था। उसके बावजूद सरकार ने इस आदेश पर अमल करने की बजाय सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, 2024 में उच्चतम न्यायालय ने भी सरकार की अपील खारिज कर दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीन बार बड़े मंचों से कह चुके हैं कि उपनल कर्मियों के लिए ठोस नियमावली बनाई जा रही है और उन्हें नियमित सेवा में शामिल किए जाने के लिए योजना पर कार्य किया जा रहा है। लेकिन 8 महीने बीतने के बावजूद अभी तक कर्मियों के लिए कोई भी शासनादेश लागू नहीं किया गया है। उत्तरकाशी जिले मे उपनल कर्मचारी संगठन के जिला महामंत्री आजाद सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा, वन विभाग, सिंचाई विभाग, प्रशासनिक और तकनीकी विभागों और कई सरकारी संस्थानों में तैनात उपनल के कर्मचारी आज से हड़ताल पर हैं। उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों को नियमित सेवा में शामिल किए जाने की मांग पिछले कई वर्षों से की जा रही है, लेकिन सरकार उनकी मांग को अनसुना करने में लगी हुई है। उन्होंने सरकार से तत्काल उन्हें नियमितीकरण के दायरे में शामिल किए जाने की मांग उठाई है।
बाईट आजाद सिंह जिला महामंत्री उत्तरकाशी
बाईट अनिल गुसाईं, महासंघ के रुद्रप्रयाग जिले के अध्यक्ष
दून अस्पताल में भी चरमराई व्यवस्थाएं
देहरादून के सबसे बड़े सरकारी दून अस्पताल में उपनल कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से बिलिंग काउंटर से लेकर पर्चे बनाने के लिए मरीजों की लंबी कतारें लगी। पर्चे के काउंटर कम संचालित होने से मरीजों को पर्चे बनाने में लंबा समय लगा। दून अस्पताल से भी बड़ी संख्या में उपनल से तैनात वॉर्ड बॉय, नर्स ,फार्मासिस्ट, डाटा एंट्री ऑपरेटर, सफाई कर्मी हड़ताल पर रहे। करीब डेढ़ सौ से अधिक कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से अस्पताल की व्यवस्थाएं भी चरमराई है। हालांकि दून अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर आरएस बिष्ट ने इससे इनकार करते हुए कहा कि अस्पताल में कोई भी स्वास्थ्य व्यवस्थायें उपनलकर्मियों के हड़ताल पर जाने से बाधित नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि आज अस्पताल में नजर आ रही भीड़ सप्ताह के पहले सोमवार की है। हर सोमवार को यहां 3 हजार से अधिक मरीज इलाज कराने आते हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल में 6 से 7 केडर के उपनल कर्मचारी तैनात हैं। इनके हड़ताल पर जाने से पहले ही वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अन्य कर्मचारियों की ड्यूटियां लगा दी गई हैं। उन्होंने कहा कि उपनल कर्मियों के हड़ताल पर जाने का कोई असर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर नहीं पड़ा है।

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