Monday, June 30, 2025
Homeउत्तराखंडजून ने छीना उत्तराखंड का सुकून,अभी तक हुई 65 मौतें, पंचायत चुनाव...

जून ने छीना उत्तराखंड का सुकून,अभी तक हुई 65 मौतें, पंचायत चुनाव को स्थगित करने की उठी मांग – Sainyadham Express

 

जून में प्राकृतिक आपदाओं व सड़क दुर्घटनाओं में पिछले वर्ष की तुलना में 100% वृद्धि से उजागर हुआ उत्तराखंड में बढ़ता खतरा

electronics

*मानसून संकट के बीच सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन ने पंचायत चुनावों को स्थगित करने की मांग की*

 

जून 2025 ने उत्तराखंड की एक बेहद चिंताजनक और गंभीर तस्वीर उजागर की है। देहरादून स्थित सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के अनूप नौटियाल ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के आधार पर उत्तराखंड में जून 2024 में जहां प्राकृतिक आपदाओं और सड़क दुर्घटनाओं से कुल 32 मौतें दर्ज हुई थीं, वहीं इस वर्ष जून में अब तक ऐसी 65 मौतें हो चुकी हैं जो कि 100% की भयावह वृद्धि है। इनमें 20 मौतें प्राकृतिक आपदाओं व 45 सड़क दुर्घटनाओं से हुई हैं।

आपदा और रोड एक्सीडेंट के कारण इस बढ़ती मृत्यु दर के साथ चारधाम यात्रा में भी जून में तीर्थयात्रियों की संख्या में 29% की वृद्धि देखी गई है। 1 से 28 जून 2025 के बीच 18,22,434 श्रद्धालु चार धाम पहुंचे, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 14,10,860 की तुलना में 4,11,574 अधिक है। जून महीने में रुद्रप्रयाग में बस हादसा, उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना और कई अन्य सड़क दुर्घटनाएं घटीं। इन आंकड़ों में 15 जून को केदारनाथ में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए सात तीर्थयात्रियों और पायलट की मौतें शामिल नहीं हैं।

अनूप नौटियाल ने कहा की यह बेहद चिंताजनक है कि उत्तराखंड सरकार हर आपदा को अलग-थलग घटना मानकर देख रहे हैं जबकि राज्य में बढ़ती दुर्घटनाओं और उनसे होने वाली मौतों के बढ़ते, खतरनाक पैटर्न को समझने की ज़रूरत है।

इस संदर्भ में उन्होंने उत्तराखंड सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग से मांग की है कि 24 व 28 जुलाई 2025 को प्रस्तावित पंचायत चुनावों को स्थगित करे। बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं, सड़क हादसों और पहले से ही सीमित प्रशासनिक संसाधनों के बीच चुनाव कराना जन सुरक्षा के लिए गंभीर जोखिम खड़ा करेगा। उन्होंने मध्य जुलाई में होने वाले कांवड़ मेले मे अनुमानित सात करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन से प्रशासनिक दबाव की भी बात कही।

अनूप नौटियाल ने कहा की इन सभी कारणों से पंचायत चुनाव मानसून के बाद सितंबर या अक्टूबर 2025 में कराए जाएं ताकि जनता की सुरक्षा सर्वोपरि रहे। राजनीति और चुनाव कभी भी जनजीवन से ऊपर नहीं होने चाहिए, खासकर उत्तराखंड जैसे आपदा संवेदनशील राज्य मे। उन्होंने कहा कि वो जल्द राष्ट्रपति, राज्यपाल और नैनीताल स्थित उच्च न्यायालय के समक्ष भी इस मांग को रखेंगे।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments