Friday, October 18, 2024
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हर्रावाला में विशाल भण्डारे के साथ हुआ भागवत का समापन – RAIBAR PAHAD KA


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आज हर्रावाला देहरादून में सुधामा प्रसाद भट्ट जी की पुण्य स्मृति में आयोजित भट्ट परिवार के द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण के समापन दिवस पर ज्योतिष्पीठ व्यास आचार्य शिवप्रसाद ममगांई नें कहा
यह भक्ति मार्ग ज्ञान मार्ग से भी अधिक श्रेष्ठ है क्योंकि पापी पुरुष भगवान में मन समर्पित करके भगवद्भक्त पुरुषों की सेवा में मन लगाने से जिस प्रकार पवित्र हो सकता है ऐसा वह तपस्या आदि करने से कभी नही हो सकता इसलिए इस लोक में भक्तिमार्ग ही सबसे उत्तम व परम् कल्याणकारी है इस मार्ग में किसी प्रकार के विघ्न की सम्भावना नही है सुशील दयालु निष्काम धर्म परायण साधु इस मार्ग में सदैव विद्यमान रहते हैं इसलिए ज्ञान मार्ग के अलावा इस लोक में दूसरा मार्ग नही है इस मार्ग में कोई भय व बाधा नही है एक भक्ति ही निरपेक्ष होकर पवित्र करने में समर्थ है अपनें गूढ़ व्याख्या शब्दों में आचार्य ममगांई कहते हैं गंगा हरि समान रूप से रक्षा करते हैं कहा
जिस प्रकार नदियों का जल दूषित जीवो को पवित्र नही कर सकता उसी प्रकार हरि भक्ति से विमुख व्यक्ति भी बिना प्रायश्चित के पवित्र नही हो सकता भक्ति चाहे थोड़ी बहुत ही हो किंतु वह पवित्र करने में भली भांति समर्थ है
इसका प्रमाण है कि जोव्यक्ति भगवान के पादारविन्दों मे मनलगा लेते हैं एक बार के मन लगाने से उनका मन भगवान का अनुरागी होजाता है अनेक प्रसङ्गों में भावविभोर होगये श्रोता वहीं विशेष रूप से महापौर सुनील उनियाल गामा जी पूर्व मण्डल अध्यक्ष अशोक राज पंवार जी श्रीमति शांति देवी भट्ट सुरेश भट्ट पार्षद विनोद कुमार आचार्य दिनेश नौटियाल जी भाजपा के संजय ठाकुर की उपस्थिती के साथ पूनम सती के भजनों ने वातारण को भक्तिमय बना दिया
, नवीन, प्रवीण, मुकेश, सतीश, दिनेश भट्ट, कृष्ण कुमार जुगरान, प्रसन्ना काला, ललित भट्ट, रमेश,मदन, राजेंद्र भट्ट, आचार्य दिनेश नौटियाल, प्रेम प्रकाश कुकरेती, ध्रुव नारायण शर्मा अनिता शर्मा वर्षा शर्मा सोमप्रकाश षर्मा विनोद कुमार, पार्षद , भगवतीप्रसाद कपरूवान, सुशील ममगाईं, मनोज ममगाईं, घनानन्द गोदियाल, राजेंद्र भंडारी, बलवंत सिंह रावत, मीना भट्ट, माधुरी, पूनम, प्रीति, रचना, अर्चना, चंद्रप्रकाश, प्रसन्ना, मीना कुकरेती, आचार्य दामोदर प्रसाद सेमवाल, आचार्य विश्वदीपक गौड़, आचार्य हिमांशु मैठाणी, आचार्य अंकित केमनी, आचार्य सुनील ममगाईं आदि मौजूद रहे।

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