Friday, October 18, 2024
Homeउत्तराखंडसंसार में कोई एसा नहीं जो शिव की आज्ञा से अधिष्ठित ना...

संसार में कोई एसा नहीं जो शिव की आज्ञा से अधिष्ठित ना हो आचार्य ममगाईं – RAIBAR PAHAD KA


शेयर करें

अनुग्रह में अनपेक्ष हो तो कैसे अनुग्रह हो सकता है, इस कारण स्वतंत्र शब्द का यह अर्थ नही कि उसे किसी की अपेक्षा न हो। ऒर जो अनुग्रह करने वाले को परतंत्र कहो तो अनुग्रह के बिना भुक्ति मुक्ति का भी अन्वय न होगा।
शिव की आज्ञा के निवृत्त न होने से मूर्ति आत्मा वाले भी अनुग्रह करने के योग्य हैं, इसमें संसार में कोई भी ऎसा नहीं जो शिव की आज्ञा में अधिष्ठित न होगा। यह बात ज्योतिष्पीठ बद्रिकाश्रम व्यासपीठालंकृत आचार्य शिवप्रसाद ममगांई जी नें दिल्ली साकेत पुष्प विहार शिव पुराण यज्ञ समिति के द्वारा आयोजित शिवपुराण कथा के समापन दिवस में कही आचार्य ने कहा
जिस सगुण के द्वारा निर्गुण की हम प्राप्ति करते हैं वही मूर्ति आत्मा वाले शिव की मूर्ति कही है।
यह परम कारण शिव निर्गुण ही नही है, इनके सच्चिदानंद स्वरूप को तो कोई नही जान सकता।
उसके स्वरूप का साधक प्रमाणगम्य श्रवण मनन आदि लक्ष्य मात्र है।
इनमें प्रत्यक्ष दर्शन के अंतर वाली अपेक्षा बुद्धि न करनी चाहिए।
कोई साक्षात आत्मा के उपलक्षण वाली मूर्ति है तो मूर्ति आत्मा वाले शिव का मूर्ति उपलक्षण है।
जैसे काष्ठादि में न आरूढ़ हुई अग्नि नही दिखती, इसी प्रकार शिव भी मूर्ति में अनारूढ हुए नही दिखते यह स्थिति है।
जैसे अग्नि लाओ कहने पर जलता हुआ काष्ठ खंड लाया जाता है, केवल अग्नि कोई नही ला सकता इसी प्रकार मूर्ति वाले शिव पूज्य हैं।
इसी प्रकार पूजा आदि में मूर्तिआत्मा वाले शिव का पूजन होता है।
लिंगादि की प्रतिमा बनाकर उस मूर्ति के भाव में पूजा विशेष से हम शिव की उपासना करते हैं।
जिस प्रकार वह मूर्तिआत्मा परमेश्वर निर्गुण हम पर अनुग्रह करते हैं, उसी प्रकार मूर्ति आत्मा में निष्ठित परमेश्वर की हम जीव उपासना करते हैं।
शिव परमात्मा ने लोकों पर अनुग्रह करने के निमित्त ही सदाशिवादि मूर्ति आत्मा से स्थित हुए हैं, वह मूर्तिआत्मा के भाव से स्वयं अनुग्रह को प्राप्त होकर शिव से अधिष्ठित हो दूसरी आत्माओं पर अनुग्रह करते हैं।
आज विशेष रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक के प्रचारक मनोज साध्वी अंजु , जयन्ती गैरोला शान्ती गैरोला
दीपक रावत सरिता रावत साबर सिंह रावत मंजू रावत दर्शन रावत हर्षि रावत सुशीला भण्डारी हरेंद्र भंडारी विश्व वर्धन थपलियाल रेखा थपलियाल जसवीर बिष्ट श्रीमती रेणु विष्ट गीता शर्मा श्रीमती जानकी पंत अजय पंत कुसुम नेगी अनिरुद्ध नेगी आचार्य मत्री प्रसाद ममगांई वसन्त सिंह विष्ट आचार्य संदीप बहुगुणा आचार्य महेश भट्ट आचार्य हिमांशु मैठाणी आचार्य अजय मिश्रा संथ्या श्रीवास्तव आचार्य प्रमोद भट्ट संजीव ममगाईं दीपक पंथ कामेश्वर चौबे केशव शास्त्री ठाकुर पाठक धर्मानन्द जोशी आदि भक्त गण भारी संख्या में उपस्थित थे

About Post Author



Post Views:
33

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments