बॉलीवुड के भरत कुकरेती बने कौथिग 2024, सीजन 15, के ब्रांड एम्बेसडर – RAIBAR PAHAD KA


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मुम्बई उत्तराखंडी प्रवासी समाज विगत 14 वर्षों से सामाजिक, सांस्कृतिक एवं लोक कला को समर्पित मुम्बई कौथिग का निर्वाध रूप से सफल आयोजन करता आ रहा है। इन 14 वर्षों में मुंबई कौथिग ने पूरे उत्तराखंडी प्रवासी समाज एवं उत्तराखंड के जनमानस को एक सूत्र में पिरो कर सामाजिक एवं सांस्कृतिक समरसता को नया आयाम दिया है ।
इसी अनुक्रम में, इस वर्ष भी मुंबई उत्तराखंडियों प्रवासियों द्वारा सांस्कृतिक महोत्सव कौथिग-2024 के आयोजन की घोषणा कर दी गयी है। मुम्बई कौथिग के मुख्य संयोजक श्री मनोज भट्ट ने अवगत कराया है कि मुंबई कौथिग-2024 का पांच दिवसीय आयोजन 24 जनवरी 2024 से 28 जनवरी 2024 तक, रामलीला मैदान, नेरूल, नवी मुंबई में होगा।
इस वर्ष बॉलीवुड के प्रसिद्ध सम्मानित लेखक एवं निर्देशक श्री भरत कुकरेती को कौथिग-2024 का ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया है। श्री भरत कुकरेती का जन्म देहरादून, उत्तराखंड में हुआ था। उन्होंने एक लेखक के रूप में टेलीविज़न एवं मीडिया जगत में अपनी यात्रा प्रारम्भ की। वे टेलीविजन उद्योग की सफलतम रियल कॉमेडी शो – कॉमेडी सर्कस, कॉमेडी नाइट्स विद कपिल एवं द कपिल शर्मा शो के लेखक/निर्देशक रहे। उन्हें लगातार तीन वर्षों तक सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के रूप मे प्रतिष्ठित भारतीय टेलीविजन अकादमी (ITA) पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। वे उत्तराखंड की कला एवं संस्कृति में गहन रुचि रखते है और सामाजिक कार्य कलापों में सक्रिय रूप से प्रतिभाग करते रहते है। कौथिग 2024, सीजन 15, के ब्रांड एम्बेसडर श्री भरत कुकरेती ने अपने संघर्षों एवं उपलब्धियों से बॉलीवुड एवं मीडिया जगत अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उनकी उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त से प्रेरित लाखों उत्तराखंडी युवा उन्हे अपना आदर्श मानते है ।

कौथिग 2024 का शुभारंभ पर 24 जनवरी, 2024 को दोपहर बाद 3.00 बजे नेरूल के गांव देवी मंदिर से मां नंदा देवी की शोभा यात्रा से होगी। प्रथम दिन उद्घाटन के अवसर पर उत्तराखंड और स्थानीय सामाजिक-राजनीतिक क्षेत्र के गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे। सांस्कृतिक संध्या में पांच दिन तक लगातार सायं 4.00 बजे से रात 10.00 तक उत्तराखंड के कई जाने माने लोक कलाकार और संस्कृति विभाग उत्तराखंड सरकार के सांस्कृतिक दल लोक गीत व नृत्य की प्रस्तुति देंगे। अग्रेत्तर, कौथिग-2024 में नेरूल के रामलीला मैदान मे गढ़-कुमाऊं की गौरवशाली विविध लोक संस्कृति के रंगों के साथ-साथ उत्तराखंड की हस्तशिल्प, बागवानी, कृषि उत्पाद मंडुआ, कौणी, रामदाना, फलोत्पादन, रेशम विकास, कृषि विपणन, जैव प्रौद्योगिकी एवं जैविक उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जा रह

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