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मंगलवार को सावन की संक्रांति थी श्रवन मास सन्क्रन्ति से स्न्क्रान्ति तक् १६ तारिक़ से १५ तारिक़ अगस्त तक सूर्यमान से है जिसका पहला सोमवार २२ जुलाई को है पर्यावरणिय पर्व हरेला पर्व सूर्य दक्षिणा यन है और १७ तारिक़ को देव शयनी एकादशी जिसमे भगवान विष्णु शयन करेंगे जबकि २१ तारिक़ को गुरु पूर्णिमा है और राष्ट्रीय श्रावन आरम्भ २२ को नीलकंठ कावड़ यात्रा का आरम्भ और चंद्र मान से २२ तारिक़ से पूर्णिमा से पूर्णिमा तक २१ से १९ तारिक़ तक श्रावण है सूर्य मान से चार सोमवार पड़ रहे हैं और चन्द्रमान् से पांच सोमवार पड़ रहे है ९ तारिक़ कों नाग पंचमि है श्रावन मास भोले शंकर को प्रस्सन करने वाला मास है इसमे शिव पूजन करना जैसे महा मृत्युंजय जब पार्थिव पूजन अभिषेक आदि करना बहुत शुभदायक है शिव भक्ति से अन्न धन पुत्र परिवार सुख समृद्धि सब कुछ प्राप्ति होगी जहा पर शिव पुराण के अंदर अनेक प्रसंगो मे शिव पूजा का विशेष महत्व है जो पृष्ठ भाग से पोजे जाते है यनि आपकी भावी पीढ़िया सुख से सम्पन्न हो इन्ही का मुख भाग पशु पति नाथ के रूप मे पूजा जाता है अर्थात् जन्म मरण के चककर से छूत् कर पशु योनि से मानव योनि प्राप्त करता है कलयुग मे मानव के उद्धार हेतु मिट्टी के महादेव बनाकर और चावलो की पीथी बनाकर पूजना सीद्धियों को प्राप्त करने वाली होती है जिसमे सबका कल्याण होता है
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