जहां बेटी का अपमान तो यज्ञ किस काम का आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं – RAIBAR PAHAD KA


शेयर करें

सति दक्षपुत्री का अपमान शंकर जी का यज्ञ भाग न देकर किया था दक्ष नें जिस यज्ञ में बेटी का अपमान वह किस काम का वही सती हिमालय की पुत्री पार्वती बनी तो शिव को पतिरूप में पाने के लिए तपस्या करतीं माता पार्वती की परीक्षा लेने गए सप्तर्षियों ने कहा, “किसके लिए तप कर रही हो देवी? उस शिव के लिए जिसके पास न घर है न दुआर? न खेत है न बाग-बगीचे? कुछ काम धाम करता नहीं, भांग खा कर मस्त पड़ा रहता है। जिसके पास स्वयं पहनने के लिए कपड़े नहीं वह तुमको क्या पहनाएगा भला? तुम जैसी विदुषी और सुन्दर कन्या का विवाह तो किसी राजकुल में होना चाहिए, छोड़ो यह तप घर चलो…” यह बात नेशविलारोड गढ़वाल सभा भवन में आयोजित शिवमहापुराण महिला कल्याण समिति द्वारा जिसमें प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य शिवप्रसाद ममगाईं जी ने कही उनका कहना है
पार्वती माता जगदम्बा थीं, जानती थीं कि शिव पर केवल और केवल उन्ही का अधिकार है। उसी अधिकार से कहा, “सुनिए साधु बाबा! जिसने भेजा है उससे जा कर कह दीजिये कि वे स्वयं मना करें तब भी नहीं मानूँगी… शिव के लिए करोड़ जन्म लेने पड़े तब भी कोई दिक्कत नहीं, पर पति चाहिए तो शिव ही चाहिए…”
सप्तर्षियों की ड्यूटी पूरी हुई, वे हँसते हुए शिव के लोक चले। जा कर बताया, “विवाह कर लीजिए देवता! माता नहीं मानेंगी…”
शास्त्रों से इतर लोक में जो शिव पार्वती का स्वरूप है, उसके हिसाब से शिव इस सृष्टि के सर्वश्रेष्ठ पति हैं
आचार्य ममगांई ने कहा प्रेम में बड़ी शक्ति होती है। सम्बन्धों को निभाने के लिए ढेर सारे संसाधनों की आवश्यकता नहीं होती। धर्म, प्रेम और समर्पण हो तो हर सम्बन्ध चिरंजीवी हो जाता है, और जीवन सुख से भर जाता है। कभी आजमा कर देखिएगा, पति पत्नी के बीच उपजे सामान्य विवादों को एक सहज मुस्कान समाप्त कर देती है।
भगवान शिव और माता पार्वती के वैवाहिक जीवन को भारतीय लोक ने आदर्श समझा और माना था, तभी भारतीय विवाहों में अब भी शिव पार्वती के ही गीत गाये जाते हैं आज शिव पार्वती विवाह की धूम रही ।
आज विशेष रूप से अध्यक्ष लक्ष्मी बहुगुणा महासचिव सुजाता पाटनी उपाध्यक्ष कमला नौटियाल उपाध्यक्ष सरस्वती रतुड़ी कोष्ध्यक्ष मंजू बडोनी रोशनी सकलानी सुशमा थपलियाल चन्दा बडोनी नन्दा तिवारी सन्तोष गैरोला लक्ष्मी गैरोला शकुन्तला नेगी सरिता लखेड़ा इन्दू नौडियाल शान्ती थपलियाल राजमती सजवाण रमेश जखवाल तपन भटाचार्य राधा कृष्ण नैथानी अरविन्द फरासी मिना सेमवाल शुभम सेमवाल रेखा बडोनी चन्द्र बल्लभ बछेती यश बछेती कृष्णा नन्द बहुगुणा आदि थे दिपा राणा ।।*

About Post Author



Post Views:
27

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *