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घनसाली:- टिहरी के लाल देव रतूड़ी बजा रहे है चीन में अपने हुनर का डंका, चीनी स्कूल की सातवीं कक्षा में पढ़ाई जाती है उनकी कहानी।
रिपोर्ट:- दीपक श्रीयाल/घनसाली
टिहरी गढ़वाल:- जनपद टिहरी गढ़वाल में बालगंगा तहसील के केमरिया सौड़ के लाल ने अपने देश के साथ-साथ चाइना में भी अपने हुनर का डंका बजाया हैं।
देव रतूड़ी जहा एक तरफ चीनी फिल्म इंडस्ट्री में चर्चित चेहरा बन कर उभरे है। चाईनीज फिल्मों में भी अभिनेता के रूप में उभर रहे हैं। वहीं आज वह विदेशी धरती पर आठ इंडियन रेस्टोरेंट के मालिक भी है। इन दिनों देव रतूड़ी उत्तराखंड में अपने पैतृक गांव आ रखे है जहां पर वह अपने परिजनों व दोस्तो से आगामी योजनाओं पर चर्चा कर है।
जी हाँ हम बात कर रहे है विकासखंड भिलंगना में पट्टी केमर के ग्राम केमरिया सौड़ में जन्मे देव रतूड़ी आज देश ही नहीं विदेश में भी अपनी काबिलियत का लोहा मनवा रहे है। देव की प्रारम्भिक शिक्षा अपने ही क्षेत्र के राजकीय इंटर कॉलेज चमियाला (लाटा) में हुई है। दसवीं की पढ़ाई करने के बाद देव रतूड़ी वर्ष 1998 में अपने भविष्य की तलाश में घर से बारह निकले और दिल्ली जाकर फिल्मों में काम करने के जुनून से मार्शल आर्ट सीखा फिर कुछ समय दिल्ली में रहने के बाद हीरो बनने के लिए मुंबई रवाना हो गए। देव रतूड़ी का असली और घर का नाम द्वारिका प्रसाद रतूड़ी है। जिसे चाइना में जाकर बदल कर देव रतूड़ी कर दिया गया। देव रतूड़ी से बातचीत में उन्होंने बताया कि सात से आठ वर्ष तक मुंबई में रह कर होटल में काम करने के साथ-साथ कुछ टीवी सो और नाटक प्रोग्रामों में हिस्सा लिया वहीं से फिल्मों में जाने की और दिलचस्पी बढ़ गई। वर्ष 2005 में देव रतूड़ी चाइना पहुंच गए। विदेशी धरती पर पहुंचने के बाद देव ने शुरुवात में वहां एक होटल में वेटर के रूप में काम किया फिर उसी में मैनेजर का पद संभाला और वर्ष 2013 में देव रतूड़ी ने चाइना में पहला इंडियन रेस्टोरेंट खोला और आज वह चाइना में 8 रेस्टोरेंट के मालिक है। जिस में 50 से अधिक भारतीय को रोजगार मिल रहा हैै। देव रतूड़ी ने बताया कि वह चाइना में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ पिछले 18 वर्षो से चाइना में रह रहे हैं। देव रतूड़ी ने बताया कि वह अभी तक 35 से अधिक चाईनीज फिल्मों में काम कर चुके हैं साथ उनकी पहचान चाइना के उद्योगपतियों में शामिल हैं। समान्य परिवार में जन्मे देव ने बातचीत में कहा कि अब वर्ष 2024 के बाद वह अपने देश में भी फिल्म इंडस्ट्री में काम करेंगे। देव ने कहा कि जब वह अपने देश के प्रमुख त्योहारो पर अपने सभी इंडियन रेस्टोरेंट में बड़ी धूम-धाम से मानते है। साथ ही उन्होंने अपने सभी रेस्तरां में भारतीय वेश-भूषा को संजोए रखे है। देव रतूड़ी को चाईनीज लोग खूब पसंद करते है। देव ने कहा कि 2025 तक उनका 200 से अधिक भारतीय को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है।
वहीं आपको बता दें कि देव रतूड़ी की संघर्ष की गाथा को प्रेरक कहानी के रूप में चीन के सातवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। बच्चे उनके जीवन पर आधारित कहानी को स्कूली किताब में पढ़ रहे हैं।
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