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ग्राउंड जीरो से वरिष्ठ पत्रकार लेखक संजय चौहान!
प्रतिभा किसी परिचय का मोहताज नहीं होती है। विषम परिस्थितियों और आभावो में ही प्रतिभाशाली बच्चे निखर कर सामने आते हैं। ऐसा ही कुछ करके दिखाया है सीमांत जनपद चमोली के दशोली ब्लाक के मझोठी गांव की मानसी नेगी ने। पूरा देश आज मानसी को गोल्डन गर्ल के नाम से जानता और पहचानता है।
‘गोल्डन गर्ल’ को तीलू रौतेली पुरस्कार!
खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए गोल्डन गर्ल मानसी नेगी को राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त प्रतिष्ठित तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। हर साल वीरांगना तीलू रौतेली के जन्म दिवस पर आठ अगस्त को ये पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। राज्य सरकार द्वारा हर साल विभिन्न क्षेत्रों में में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं का चयन प्रतिष्ठित तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए किया जाता है।
ये है गोल्डन गर्ल मानसी नेगी!
मानसी नेगी आज देश की लाखों बेटियों के लिए प्रेरणास्रोत है। मानसी नें हजारों बेटियों को मानो कुछ अलग करने का हौसला दिया है। मानसी उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली के मजोठी गांव की है। मानसी का जीवन आभावों में बीता और बेहद संघर्षमय रहा। मानसी के पिताजी की 7 साल पहले असमय मृत्यु के बाद मानसी की मां शकुंतला देवी नें गांव में ही खेती मजदूरी कर अपनी बेटी को पढाया, लिखाया और आगे बढ़ने का हौसला दिया, यही कारण है कि बेहद अभावों में भी उसके अंदर कुछ अलग करने का जज्बा हमेशा बना रहा। विपरीत परिस्थितियों और आभावों में भी मानसी नें अपना हौंसला नहीं खोया। मानसी ने अपनी कडी मेहनत से अपना मुकाम खुद हासिल किया है। वर्तमान में मानसी नेगी लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से फिजिकल एजूकेशन में स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं।
गोल्डन गर्ल को भाता है गोल्ड, कई राष्ट्रीय रिकार्ड किये अपनें नाम!
वाॅक रेस की महारथी गोल्डन गर्ल मानसी नेगी को हर इंवेट में गोल्ड भाता है। 2018 से शुरू हुआ गोल्ड मेडल झटकने की जिद आज भी बदस्तूर जारी है। गोल्डन गर्ल ने 2018 में दिल्ली में खेलो इंडिया, 2018 में हरियाणा रोहतक में नार्थ जोन जूनियर ऐथेलेटिक्स गेम्स, 2018-19 में नेशनल स्कूल गेम्स नई दिल्ली, 2019 में फेडरेशन कप जूनियर चैंपियनशिप, 2022 में ऐथेलेटिक्स चैंपियनशिप बिलासपुर, छत्तीसगढ, नेशनल जूनियर ऐथेलेटिक्स चैंपियनशिप गुवाहाटी, आसाम में नया राष्ट्रीय रिकार्ड, 2023 में इंडियन ओपन वाॅकिंग कॉम्पिटिशन, रांची, झारखंड, 2023 में ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी ऐथेलेटिक्स मीट, चेन्नई, तमिलनाडु में गोल्ड मेडल हासिल किया। जबकि गोल्डन गर्ल नें अन्य कई प्रतियोगिताओं में रजत और कांस्य पदक जीता है। मानसी चीन में पहली बार देश से बाहर देश का प्रतिनिधित्व कर रही थी, परिणामस्वरूप भारतीय टीम नें चीन के चेंगडू में वाॅक रेस में कांस्य पदक जीतकर एक नया अध्याय लिखा।
भविष्य में इन इंवेट पर होंगी निगाहें, बेंगलुरू में करेंगी तैयारी..
गोल्डन गर्ल चीन से वापस लौटने के उपरांत बेंगलुरु नेशनल कैंप में लौटेंगी जिसके पश्चात मानसी नेशनल चैंपियनशिप, एशियन चैंपियनशिप, वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए अपनी तैयारी जारी रखेगी। इसके अलावा ऑलंपिक के लिए ट्रायल की तैयारी भी वो यहीं से करेगी।
प्रत्येक घर से खिलाडी तैयार हो और देश का नाम रोशन करे– गोल्डन गर्ल मानसी नेगी!
बकौल मानसी, उत्तराखंड में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। बेटियां तो हर क्षेत्र में चार कदम आगे हैं। लोगो को अपनी बेटियों पर भरोसा करना होगा और बेटियों को भी खेलो में आगे आने के लिए प्रोत्साहित करना होगा, उन्हें हर मुमकिन सहयोग किया जाना चाहिए। मेरा उद्देश्य उत्तराखंड के युवा ऐथेलेटिक्स को खेलों के प्रति जागरूक करना, उन्हें बेहतर माहौल और प्लेटफार्म तैयार करना। मैं चाहती हूं कि प्रत्येक घर से खिलाड़ी तैयार हो और अपने परिवार, राज्य, देश का नाम रोशन करे। खिलाडियों को बेहतर सुविधायें मिले, बेहतर तकनीक और स्किल मुहैया हो सके। खासतौर पर खेल को कैरियर बनाने वाले युवाओं को रोजगार की गांरटी दी जानी चाहिए तभी वो अपना सौ फीसदी दे पायेगा।
गोल्डन गर्ल मानसी रावत का तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए चयन उन हजारों बेटियों के लिए प्रेरणास्रोत का कार्य करेगा। मानसी को मिला सम्मान खुद सम्मान का भी सम्मान है। चमोली के छोटे से गांव से निकलकर अंतराष्ट्रीय स्तर की एथलेटिक्स बनना मानसी की प्रतिभा को चरितार्थ करता है।
हजारों हजार सैल्यूट मानसी, यूँ ही आगे बढते रहो और चमोली, उत्तराखंड और देश का नाम रोशन करते रहो। देश का भविष्य हो आप, सारे देश की निगाहें है आप पर।
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