गजब: यहां थाने में 60बोतल शराब गटक गए चूहे – RAIBAR PAHAD KA


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कोतवाली थाने के स्टोर रूम में जब्त की गई शराब की चूहों ने पार्टी कर मौज उड़ाई। स्टोर रूम में रखी शराब में से चूहे 60 बोतल पी गए। इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाकर एक चूहे को पकड़ा, बाकी चूहे ‘फरार’ हैं।

Rats wine party। बंदर तथा अन्य जानवरों के शराब पीने की खबरें तो अकसर चर्चा में रहती हैं, लेकिन समय बदलने के साथ चूहों की आदत भी बदल गई है। अनाज खाने वाले चूहे अब नशेड़ी हो गए हैं।दरअसल मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां शहर के कोतवाली थाने के मालखाने में जब्त की गई शराब में से 60 बोतल चूहे पी गए।

चूहों ने 60 बोतलों पर बोला धावा

बता दें कि पुलिस कार्रवाई के दौरान जब्त की गई अवैध शराब और सभी सामान थाने के मालखाने में सुरक्षित रखा जाता है। ताकि न्यायालय में सबूत के तौर पर पेश किया जा सके लेकिन चूहों ने लगातार मालखाने में आतंक मचा रखा है और पुलिस परेशान है। इसी मालखाने में जब्त की गई देसी शराब की बोतलें भी रखी हैं। चूहों ने शराब की करीब 60 बोतलों पर धावा बोला। इस दौरान काफी शराब जमीन पर बिखर गई लेकिन चूहे इसे भी पी गए।

एक चूहे को पिंजरे में किया कैद

कोतवाली थाने में चूहों ने शराब पार्टी करते हुए पुलिस को चुनौती दी। पुलिस ने भी चूहों की चुनौती स्वीकार कर उन्हें पकड़ने के लिए जाल बिछाया। काफी मशक्कत के बाद एक चूहा पिंजरे में कैद हुआ। चूहों ने सिर्फ शराब की बोतलें ही नहीं, दूसरे जरूरी कागजात को भी नुकसान पहुंचाया है।

पुलिस के सामने अब नई चुनौती

अब पुलिस के सामने अदालत में सबूत पेश करने की चुनौती है, क्योंकि पुलिस को कार्रवाई के दौरान जब्त किए गए सामान आरोप सिद्ध करने के लिए कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश करना होता है। चूहों ने शराब की बोतलों को नकुसान पहुंचाया। शराब की बोतलें खाली हैं। अब पुलिस के सामने अदालत में सबूत पेश करने की चुनौती रहेगी। हालांकि पुलिस सूत्रों ने बताया है कि चूहों ने जो बोतल कुतरी हैं उन्हीं बोतलों को ही न्यायालय में पेश किया जाएगा।

क्या बोले एसपी?

इस बारे में एसपी विनायक वर्मा ने कहा है कि कोतवाली थाने की पुरानी बिल्डिंग है। वहां चूहे सुरंग बनाकर बाहर से आ जाते हैं। क्योंकि बाहर पूरा मार्केट का इलाका है। मालखाने में अपराधियों से जब्त किया गया सामान रखा जाता है। चूहा कई चीजों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इनसे बचने के लिए कई तरह के उपाय भी किया जा रहे हैं। हालांकि क्या-क्या नुकसान हुआ है, इसकी जानकारी थाना स्तर पर ली जाएगी।

सरकारी दफ्तरों में चूहों का आतंक

सिर्फ कोतवाली थाने में चूहों ने आतंक नहीं मचा रखा है। इसके अलावा जिला अस्पताल, शिक्षा विभाग के दफ्तर, कलेक्टर कार्यालय के अलावा लगभग सभी विभाग चूहों से परेशान हैं। दूसरे विभागों में तो जरूरी फाइलों तक को चूहों ने नुकसान पहुंचाया है। इतना ही नहीं छिंदवाड़ा जिला अस्पताल तो हर साल चूहों को पकड़ने के लिए लाखों रुपए खर्च करता है। इसके बाद भी मरीजों के पैर काटने से लेकर मरचुरी में रखे शव को कुतरने के मामले भी सामने आ चुके हैं।

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