Thursday, February 6, 2025
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फिर चर्चा में आया चर्चित उद्यान घोटाला:नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने मांगा गणेश जोशी का इस्तीफा – RAIBAR PAHAD KA


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उद्यान घोटाला- दाल में कुछ काला है या पूरी दाल ही काली है -कांग्रेस

उद्यान घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस ने कमर कसी

कांग्रेस ने कहा, उद्यान मंत्री नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे

   नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि, राज्य के उद्यान घोटाले की सी0बी0आई0 जांच के उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेश के विरुद्ध उत्तराखंड सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में दायर पुनर्विचार याचिका को उच्चतम न्यायालय ने अस्वीकार करने से सिद्ध हो गया है कि, राज्य सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए हर प्रयास कर रही है । उन्होंने बताया कि , आज सरकार की पुनर्विचार याचिका को अस्वीकार करते हुए उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि आखिर उत्तराखंड सरकार भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध हो रही सी0बी0आई0 जांच को क्यों रुकवाना चाहती है ? 

    यशपाल आर्य ने कहा कि , 26 नवंबर को उच्चतम न्यायालय के उद्यान घोटाले की जांच सी0बी0आई0 करवाने के बाद उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने बयान दिया था कि, वे भ्रष्टाचारियों को संरक्षण नहीं देंगे । मंत्री के सार्वजनिक बयान के बाद  सरकार उद्यान घोटाले  में संलिप्त अधिकारियों ,  विधायक और उसके भाई को बचाने सुप्रीम कोर्ट गयी।  नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि , आज सरकार की याचिका मुंह के बल गिरने के बाद सरकार बेनकाब हो गयी है।उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि, यदि थोड़ी भी नैतिकता और लोकतांत्रिक मूल्य बचे हैं तो उन्हें मंत्री गणेश जोशी से इस्तीफा ले लेना चाहिए।
  नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , पहले ही उच्च न्यायालय के  उद्यान घोटालों की  सी0बी0आई0 जांच के आदेश से यह सिद्ध हो गया था कि, उत्तराखण्ड में भ्रष्टाचार की गंगा में सभी डुबकी लगा रहे थे। उन्होंने कहा कि, इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश में सरकार और शासन के सभी स्तरों की संदिग्ध भूमिका का उल्लेख किया गया था।  आदेश में उच्च न्यायालय ने कहा था कि सत्ता दल के रानीखेत विधायक द्वारा अपने कथित बगीचे में फर्जी पेड़ लगाने का प्रमाण पत्र निर्गत किया था । इससे पहले ही सिद्ध हो गया था कि, उत्तराखंड के  उद्यान घोटालों में केवल उद्यान निदेशक बबेजा ही लिप्त नहीं हैं बल्कि प्रदेश सरकार और भाजपा के विधायक व नेता भी सम्मलित हैं।
  यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि, पहले भी उच्च न्यायालय के द्वारा मामले की जांच  सी0बी0आई0 से करवाने की मंशा जाहिर करते ही राज्य सरकार ने आनन-फनान में  सी0बी0आई0 जांच का नोटिफिकेशन जारी कर दिया था । उन्होंने साफ किया कि , राज्य के अधिकारी और एस0आई0टी0 जांच में नकारा सिद्ध हुए हैं इस उत्तराखण्ड लिए इस साल उच्च न्यायालय ने उद्यान घोटाले की जांच सहित  से संबधित तीन घोटालों की जांच सी0बी0आई0 को सोंपी हैं।  
  नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, सरकार के द्वारा अंतिम उपाय तक भ्रष्टाचारियों की जांच रुकवाने की कोशिश ओर उच्चतम न्यायालय द्वारा उत्तराखंड के उद्यान घोटाले कि जांच सी0बी0आई0 से करवाने के आदेश को बरकरार रखने से राज्य सरकार के ‘‘जीरो करप्शन माडल’’ की हकीकत सामने आ गयी है।  साथ ही यह भी सिद्ध हो गया है कि, प्रदेश की भाजपा सरकार और उसके अधिकारी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं।

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